अपने आपको को फिट रखने के लिए हम स्विमिंग, डांसिंग, साइकिलिंग, वाकिंग और रनिंग जैसी कई नैचुरल ऐक्टिविटीज कर सकते हैं। चलना और दौड़ना एक जैसी गतिविधियां लग सकती हैं, लेकिन दोनों में काफी अंतर है। यदि आप दौड़ना और चलना पसंद करते हैं, तो आपको अपने पैरों के लिए परफेक्ट जूता लेना चाहिए, ताकि इन गतिविधियों से आपके शरीर को पूरा-पूरा फायदा मिल सके।
सुनने में ये अजीब लग सकता है कि दौड़ने और चलने के लिए अलग-अलग जूतों की क्या ज़रूरत है। लेकिन एक्स्पर्ट्स की मानें तो हमारे पैर हर एक गतिविधि में अलग तरह से रिऐक्ट करते हैं। चलते वक़्त हमारे पैर अलग तरह से ज़मीन/ट्रेड मील पर पड़ते हैं, वहीं दौड़ते वक़्त पैर और ज़मीन/ट्रेड मील के बीच का संपर्क बिल्कुल बदल जाता है।
ग़लत जूते आपके पैरों की नसों पर दबाव बनाकर दर्द पैदा कर सकते हैं। ग़लत जगह पर दबाव पड़ने से आपके पैरों में सूजन और तेज़ दर्द उठ सकता है। इसलिए हम आपको दौड़ने और चलने के लिए किस तरह के जूतों का इस्तेमाल करना चाहिए इसके बारे में बता रहे हैं और यह भी बता रहे हैं कि दोनों के बीच क्या अंतर होता है।
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रनिंग शूज कैसा होना चाहिए?
रनिंग शूज हल्के होने चाहिए, ताकि उन्हें पहनकर दौड़ने में आसानी हो। अब इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है, कि वाकिंग शूज भारी होने चाहिए। यह सच है कि वाकिंग शूज, रनिंग शूज के मुक़ाबले बस थोड़े-से भारी होते हैं। कम वज़न के जूते आपके पैरों पर कम इम्पैक्ट डालते हैं, जिससे आपको कम थकान महसूस होती है।
अच्छे जूते दौड़ते हुए और उसके बाद आपके पैरों को जल्दी रिकवर होने में मदद करते हैं। अब आप सोच रही होंगी कि जूतों का थकान व रिकवरी से क्या कनेक्शन? तो इसे समझने के लिए ध्यान दीजिए कि जब आप हील्स पहनकर चलती हैं, तो पैरों पर अतिरिक्त दबाव बनता है और आप जल्दी थका हुआ महसूस करती हैं।
जूता जितना ज़्यादा कम्फ़र्टेबल होगा, पैरों की नसों पर दबाव उतना कम पड़ेगा और पैर थकेंगे कम। मिडसोल में कुशन वाले जूते ज़मीन से कॉन्टैक्ट होने पर महसूस होनेवाले धक्के, शॉक या चोट के प्रभाव को कम करते हैं और आपके संतुलन को बनाए रखते हैं। सामने की ओर की फ़्लैक्सिबिलिटी आपको तेज़ी से भागने में मदद करती है। मिड-फ़ुट लैंडिंग सपोर्ट वाले जूते आपके पैरों को शॉक और किसी भी तरह की चोट से बचाते हैं।
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वाकिंग शूज कैसा होना चाहिए?
वाकिंग शूज थोड़े भारी और कम सपोर्ट वाले हो सकते हैं, क्योंकि चलते समय पैरों पर बहुत ज़्यादा दबाव नहीं पड़ता। लेकिन यदि आप लॉन्ग वॉक्स पर जाना पसंद करती हैं, तो हल्के और पर्याप्त कुशनिंग वाले शूज लें, ताकि वॉक के बाद आपके पैरों में जलन या दर्द न उठे। राहुल वीरा, स्केचर्स साउथ एशिया, सीईओ का कहना है,“रनिंग की तरह वाकिंग शूज में भी मिडसोल बहुत ज़रूरी होते हैं, क्योंकि कमोबेश चलते वक़्त भी पैरों को शॉक लगता ही है और आपको संतुलन की ज़रूरत होती है। चलने-फिरने के लिए आप बिना हील सपोर्ट वाले शूज ले सकती हैं।”
रनिंग शूज और वाकिंग शूज में अंतर
एक्स्पर्ट्स का माने तो दौड़ते वक़्त आपके पैरों को ज़्यादा कुशनिंग की ज़रूरत होती है। क्योंकि आप अपने हर क़दम पर अपने वज़न का तीन गुना अधिक ज़ोर डालते हैं। वहीं इसके उलट चलने के लिए आपको अपने पैर के आगे के हिस्से पर ज़्यादा दबाव की ज़रूरत नहीं होती और इसलिए कुशनिंग भी नहीं चाहिए होता। चलते वक़्त आपके पैरों पर केवल आपके शरीर का सामान्य वज़न पड़ता है।
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रनिंग शूज में बिल्ट-अप हील्स की मदद से स्टेबिलिटी मुहैया कराई जाती है, ताकि दौड़ते वक़्त आपका संतुलन न बिगड़े। रनिंग और वाकिंग दोनों जूतों का फ्लैक्सिबल होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि आपके पैरों का दबाव तलवों के किसी भी हिस्से पर ज़्यादा हो सकता है।
शूज चूज करते समय रखें इन बातों का ख्याल
आपके पैरों और जूतों दोनों की उम्र को लंबा करने के लिए सही जूते ज़रूर चुनें। आप किस चीज़ के लिए जूते ले रही हैं, यह पहले ही तय कर लें, तभी जूते ख़रीदने जाएं। जूतों को पैरों को सपोर्ट देने के लिए पहनें, न कि केवल स्टाइल स्टेटमेंट की तरह। इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि कोई एक जूता रनिंग और वाकिंग दोनों के लिए परफ़ेक्ट नहीं हो सकता।
अगर आपको पैरों की कोई समस्या है या फिर आप ऐथलेटिक ऐक्टिविटीज़ में शामिल होना चाहती हैं, तो शूज एक्स्पर्ट या डॉक्टर की सलाह पर ही जूते का चुनाव करें। जूते ख़रीदते वक़्त हमेशा अपने पैरों के नैचुरल मोशन और शेप को ध्यान में रखकर जूते लें। आजकल बाज़ार में मैश शूज ख़ूब चलन में हैं। मैश शूज का फ़ायदा यह है कि यह आपके जूतों से हवा को आसानी से पास होने देते हैं, जिससे जूतों व पैरों दोनों से बदबू नहीं आती।
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