ठंड के मौसम में सुबह बिस्तर से उठना सजा की तरह होता है। हालांकि, इस मौसम में हमें टेस्टी और गरमागरम मीठे और नमकीन दोनों तरह के अनगिनत व्यंजनों का लुत्फ उठाने को मिलता है। खाने में तो बहुत मजा आता है लेकिन सेहत पर इसका असर साफ दिखता है। इसलिए खुद को फिट रखने के लिए कुछ योगासन को अपने फिटनेस रूटीन में जरूर शामिल करें।
क्योंकि सर्दियों में फिट और गर्म रहने के लिए योग करने से बेहतर तरीका भला और क्या हो सकता है? इसलिए आज हम आपको ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे जिसमें आपको बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और आप बिल्कुल तंदुरुस्त रहेंगे।

इन योगासनों के बारे में हमें लक्ष्मण योगा एंड पिलाटे्स के फाउंडर, योग और पिलाटे्स एक्सपर्ट भवानी पिनिसेट्टी कहती हैं- ”एक योग शिक्षक के रूप में मेरा दृढ़ विश्वास है कि योग बीमारी से बचने और ठीक करने का एक योगिक तरीका है। योग का नियमित अभ्यास आपको इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। साथ ही बैक्टीरिया या वायरस को खुद से दूर रखने के लिए सूर्य नमस्कार के साथ योग सेक्शन शुरू करें। सूर्य नमस्कार के तीन राउंड भी आपको बेहतर महसूस करने में मदद करेंगे।”
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भवानी आगे कहती हैं- “यह बारह शारीरिक मुद्राओं की एक श्रृंखला है। बारी-बारी से पीछे और आगे झुकने वाले ये आसन फ्लेक्स और वर्टिब्रल कॉलम और अंगों को अपनी अधिकतम सीमा तक फैलाते हैं। यह पूरे शरीर को इतना गहरा स्ट्रेच देते हैं। यह एक बहुत अच्छी एक्सरसाइज भी है और मेटाबॉलिज्म की स्थिति को बढ़ाने में मदद करती है।”
तो आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जिससे आप खुद को तंदुरुस्त रख सकते हैं-
प्लैंक पोज

प्लैंक पोज को वशिष्ठासन के नाम से भी जाना जाता है। यह योगासन एक आर्म बैलेंस पोज है जो बाहों को मजबूत करती है पेट की मसल्स और रीढ़ को टोन करती है। यही नहीं इसके अभ्यास करने से नर्वस सिस्टम को टोन करते हुए सहनशक्ति बढ़ती है।
सूर्य नमस्कार के भाग के रूप में, अष्टांग और विन्यास प्रवाह योग कक्षाओं में इसका कई बार अभ्यास किया जाता है। यदि आपको कार्पल टनल सिंड्रोम है तो इस आसन को बिल्कुल भी न करें।
करने का तरीका
- सबसे पहले मैट पर हाथ रखकर बैठ जाएं और पैरों को सीधा फैला लें।
- इसके बाद हाथ की ताकत का उपयोग करके अपने शरीर को अपनी तरफ उठाएं, आपका शरीर फर्श से 45 डिग्री के कोण पर होना चाहिए।
- फिर दूसरे हाथ को हवा में सीधा ऊपर उठाएं। अब दूसरे पैर को उस पैर पर टिकाएं जो फर्श के संपर्क में हो।
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त्रिकोणासन

यह आसन फ्लैट पैर को रोकने में मदद करती है, पैर की मसल्स को टोन करती है और पिंडलियों और हिप्स की मसल्स को मजबूत करती है। पीठ की वक्रता को ठीक करने के साथ कमर की मसल्स को भी मजबूत करती है और रीढ़ को लचीला बनाती है।
करने का तरीका
- सबसे पहले सीधी खड़े हो जाएं। फिर दोनों हाथों को कंधे की चौड़ाई में सीधा कर लें।
- इसके बाद दाई तरफ झुकते हुए हाथ को अंगूठे तक लाएं और थोड़ी देर इसी पोजीशन में रहें। फिर इसे दूसरी तरफ से भी करें।
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अधोमुख श्वानासन

इस मुद्रा का अभ्यास सूर्य नमस्कार में किया जाता है। यह बहुत ही गतिशील मुद्रा है। और कहते हैं कि अगर एक मिनट के लिए खुद को इस मुद्रा में होल्ड करते हैं तो यह बहुत वर्मिंग होती है।
करने का तरीका
- सबसे पहले शरीर को हाथों और पैरों के पंजों के बल लाएं।
- फिर घुटनों को हवा में उठा लीजिए यानी कि आपके पैरों और हाथों पर ही शरीर का पूरा वजन होना चाहिए।
- अब हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं। ऐसा करते हुए आपको उल्टा v बनाना है। इसके बाद अपने शरीर को स्ट्रेच करें।
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प्रसार पदोत्तानासन

इस योगासन में हैमस्ट्रिंग की मसल्स पर जोर पड़ता हैं और ब्लड का फ्लो सिर में प्रवाहित होता है। ये पूरे बॉडी को रिलैक्स करता है।
करने का तरीका
- सबसे पहले पैरों को चौड़ा और पैर की उंगलियों को अंदर की ओर फैलाएं। और घुटनों को सीधा रखें।
- फिर सांस छोड़े और अपनी पीठ को फर्श के समानांतर लाएं। फिर कमर के हिस्से से नीचे की ओर झुकें।
- अब हाथों को जमीन पर रखें और सिर को नीचे लगाने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड के लिए इसी मुद्रा में रहें।
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पार्श्वकोणासन

इस आसन से पीठ के दर्द से राहत मिलती है। साथ ही पेट के अंगों को मजबूत करती है और हिप्स की मसल्स को मजबूत करती है। यह पैरों, घुटनों और टखनों को भी मजबूत करती है।
करने का तरीका
- सबसे पहले सीधी खड़ी हो जाएं। फिर एक पैर को साइड में पुश करें और 30 सेकेंड से 1 मिनट तक रुकें।
- फिर धीरे-धीरे ऊपर की ओर आ जाएं।
- फिर ऊपर आकर ताड़ासन में लौट आएं।
- इस मुद्रा को करने से चेस्ट पूरी तरह से फैल जाती है।
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