अब तो शवदाह गृहों में धातु की भट्ठियां और चिमनियां पिघलनी शुरू हो गईं

अब तो शवदाह गृहों में धातु की भट्ठियां और चिमनियां पिघलनी शुरू हो गईं

भारत में कोरोना हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहा है। बुधवार को कोरोना ने अब तक के सभी रिकॉर्डों को ध्वस्त कर दिया। एक दिन में करीब दो लाख नए पॉजिटिव केस सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में बुधवार रात तक संक्रमण के 199,569 नए मामले दर्ज किए गए। यह महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक का एक दिन में मिलने वाला सर्वाधिक आंकड़ा है।

मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 1037 लोगों की मौत का आंकड़ा दर्ज किया गया। अब तक के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,07, 0300 हो गई है। कोरोना से पीड़ित लोगों के ठीक होने की दर और गिरकर 89.51 प्रतिशत रह गई है। इसी बीच गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से बुरी खबर है। यहां लोगों को दाहसंस्कार करने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है।

गुजरात में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच शवों की संख्या लगातार बढ़ने से शवदाह गृहों में अंतिम संस्कार लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। पीटीआई एजेंसी के रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में सूरत शहर में इतने शवों का अंतिम संस्कार किए गए हैं, वहां के शवदाह गृहों में धातु की भट्ठियां पिघल रही हैं या फिर उनमें दरार आ गई हैं।

अब तो शवदाह गृहों में धातु की भट्ठियां और चिमनियां पिघलनी शुरू हो गईं
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव का एक दृश्य (फोटो सोर्स-एनडीटीवी)

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सूरत में अधिकारियों के हवाले से मंगलवार को खबर आई थी कि बीते एक सप्ताह से शवों को जलाने के लिए कुरुक्षेत्र शवदाह गृह और अश्विनी कुमार शवदाह गृह में गैस-आधारित भट्ठियां लगातार चालू हैं, जिससे रख-रखाव के काम में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

शवदाह गृह प्रबंधन ट्रस्ट के अध्यक्ष कमलेश सेलर ने बताया, “पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत होने के पहले कुरुक्षेत्र शवदाह गृह में हर दिन करीब 20 शवों का अंतिम संस्कार होता था। अब यह संख्या बढ़ गई है। फिलहाल, रोज करीब 100 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है।”

कमलेश ने बताया कि शवदाह गृह में छह गैस भट्ठी 24 घंटे जल रही हैं और तापमान 600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। उन्होंने आगे कहा कि इस कारण से लोहे की भट्ठी और चिमनी पिघलने लगी हैं और गर्मी के कारण इसमें दरार आ रही है। मशीन के इन हिस्सों को बदलना पड़ेगा।

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कुरुक्षेत्र शवदाह गृह की तरह ही सूरत स्थित सबसे पुराने अश्विनी कुमार शवदाह गृह में भी समस्याएं सामने आ रही हैं। शवदाह गृह के प्रबंधक प्रशांत कबरावाला ने बताया, “हम 10 गैस भट्ठियों का संचालन करते हैं। इसके अलावा तीन स्थानों पर लकड़ियों से शवों का अंतिम संस्कार होता है। इससे पहले हर दिन 30 शवों का दाह-संस्कार होता था। अब 90-95 शवों का दाह संस्कार हो रहा है।”

प्रशांत ने बताया कि भट्ठियों के लगातार जलते रहने से उनमें कुछ की संरचना पिघल गई। अत्यधिक तापमान के कारण कुछ पाइप और चिमनी भी टूट गईं। उन्होंने कहा, “हाल में चार में से दो भट्ठियों में ताप रोधी ईंट लगाई गई थी, जो कि कुछ समय से बंद हैं। रख-रखाव का काम करने वाले हमारे इंजीनियर हर दिन शवदाह गृह आकर दिक्कतें दूर करते हैं।”

उन्होंने बताया कि लगातार रख-रखाव कार्य में दिक्कतें आने से दो जगह और लकड़ियों की चिता की व्यवस्था करने का फैसला किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अश्वनी कुमार शवदाह गृह के एक कर्मचारी ने बताया, “एक मार्च से 31 मार्च के बीच 1,339 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर के दौरान 20 से 31 मार्च तक यहां 330 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। पिछले साल एक से 10 अप्रैल तक कुल 222 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था, जिसमें कोविड-19 मरीज और अन्य लोग शामिल थे।”

अब तो शवदाह गृहों में धातु की भट्ठियां और चिमनियां पिघलनी शुरू हो गईं
गुजराज के एक शवदाह गृह का दृश्य, जहां चिमनी पिघल गई (फोटो साभार-दिव्य भास्कर)

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शवदाह कर्मचारी ने ये भी बताया, “केवल कोविड-19 से मरने वालों का गैस भट्टियों में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। हमारे पास 20 लोगों का स्टाफ है, जिसमें पुजारी और अन्य सहायकों के अलावा इनमें चार कर्मचारी मृतकों के परिजनों के लिए बुकिंग और उन्हें टोकन नंबर जारी करने का काम करते हैं। हमारा ट्रस्ट अगले सप्ताह तक दो और गैस-आधारित भट्टियों को बनाने की योजना बना रहा है।”

कोविड-19 से मरने वालों की संख्या राजकोट में भी तेजी से बढ़ी है। यहां के चार शवदाह गृह- रामनाथपुरा, मावड़ी, मोटा मावा और बापूनगर अंतिम संस्कार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिससे मृतक के परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। सूरत के विद्युत शवदाह गृह में बीते दिन इतनी लाशें जलीं कि भट्ठियों की चिमनियां तक पिघल गई। इतना ही नहीं वहां मौजूद लोहे का प्लेटफार्म भी जल गए। हालांकि, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा है कि राज्य में टीकाकरण अभियान चल रहा है, कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। इसलिए राज्य में लॉकडाउन लगाने की अभी कोई संभावना नहीं है।


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