कोरोना केस सवा लाख पार, लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूरों का फिर पलायन शुरू

कोरोना केस सवा लाख पार, लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूरों का फिर पलायन शुरू

भारत में 8 अप्रैल को कोरोना अपनी रफ्तार में लोगों को संक्रमित किया। फिर रिकॉर्ड एक लाख से ऊपर केस दर्ज किए गए। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस ने अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और सवा लाख केस किए गए। ये तीसरी बार है जब एक दिन में कोविड-19 ने एक लाख से अधिक का आंकड़ा छुआ है।

पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,26,789 नए केस सामने आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या अब 1,29,28,574 हो गई है। वहीं, 685 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,66,862 हो गई है। जब अभी देश में कुल एक्टिव केस की संख्या 9,10,319 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,18,51,393 है।

देश के कई हिस्सों से, मरीजों की संख्या बढ़ने से बेड और वेंटिलेटर की कमी की खबरें हैं। राजधानी दिल्ली में कोरोना की हाई स्पीड को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। पंजाब में भी 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर में भी बुधवार को नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया।

कोरोना केस सवा लाख पार, लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूरों का फिर पलायन शुरू

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लखनऊ में 15 अप्रैल तक मेडिकल, नर्सिंग और पैरा मेडिकल संस्थानों को छोड़कर सभी सरकारी, गैर सरकारी, निजी और कोचिंग संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है।

एक बार से बहुत सारे लॉकडाउन के डर से प्रवासी शहर छोड़कर गांव की तरफ भाग रहे हैं। कई लोगों को कहना है कि उनकी नौकरी चली गई है और गांव जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, इस बार अलग यह है कि ज्यादातर लोग सिंगल ही हैं। जब पिछले साल लॉकडाउन हुआ था तब लोग परिवार के साथ पैदल जाने को मजबूर हो गए थे।

केंद्र और राज्य सरकारों की कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने परेशानी बढ़ा दी है। हर दिन किसी-न-किसी बड़े शहर में लॉकडाउन की खबरें आ रही हैं। इस बात से इंकार नहीं किया सकता है कि सरकार और जनता की लापरवाही ने कोरोना रफ्तार दिया है।

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एक तरफ नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं और वहां लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुट रही है। इससे साफ संदेश जाता है कि कोरोना का कोई डर नहीं। दूसरी बड़ी समस्या यह है कि लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद लोग कितने दिनों तक संक्रमित नहीं हो सकते हैं।

लोगों को अभी भी लगता है वैक्सीन लेने के बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है। बता दें कि कई राज्यों में दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गई है। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टेशन पर कोरोना को लेकर नियम सख्त कर दिए गए हैं।


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