चन्नी के CM बनते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #MeToo, जानें पूरा मामला

चन्नी के CM बनते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #MeToo, जानें पूरा मामला

कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को बतौर पंजाब का मुख्यमंत्री शपथ लिया। वे 11 बजे के करीब राजभवन पहुंचे और अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस शपथग्रहण समारोह में राहुल गांधी भी शामिल हुए। हालांकि, शपथग्रहण कार्यक्रम बेहद सादगी भरा रहा और इसमें कुछ गिने-चुने लोग ही शामिल हुए।

Center>

वहीं, दूसरी सरफ सोशल मीडिया पर ‘चरणजीत सिंह चन्नी #MeToo’ ट्रेंड हो रहा है। भाजपा ने भी चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर निशाना साधा है। दरअसल, पूरा मामला ये है कि मुख्यमंत्री चन्नी पर साल 2018 में एक आईएएस अधिकारी ने अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाया था।

भाजपा नेता और पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चन्नी के नाम के एलान के बाद एक ट्वीट किया। भाजपा नेता ने लिखा कि कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना, जिन्होंने तीन साल पुराने ‘मीटू’ मामले में कार्रवाई का सामना किया था।

उन्होंने कथित तौर पर वर्ष 2018 में एक महिला आईएएस अधिकारी को अनुचित संदेश भेजा था। उस मामले को दबा दिया गया था, लेकिन पंजाब महिला आयोग द्वारा नोटिस भेजने के बाद दोबारा सामने आया। बहुत बढ़िया, राहुल।

चन्नी के CM बनते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #MeToo, जानें पूरा मामला

ये भी पढ़ें: सरकार को हिंदू महासभा की धमकी, कहा- हमने गांधी को नहीं बख्शा तो तुम्हारी क्या बिसात

बता दें कि चन्नी के खिलाफ ये मामला दोबारा उस समय फिर जोर पकड़ा, जब पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष ने धमकी दी कि अगर एक हफ्ते के भीतर राज्य सरकार चन्नी द्वारा भेजे गए ‘अनुचित संदेश’ पर अपना रुख साफ नहीं करती तो वो अनशन पर चली जाएंगी। तब चन्नी अमरिंदर सरकार में चन्नी मंत्री थे। उस समय पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने कहा था कि उन्होंने सरकार की कार्रवाई रिपोर्ट के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

अब सोशल मीडिया पर मई में प्रकाशित खबरों को साझा किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि निवर्तमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर पार्टी के भीतर मौजूद उनके विरोधियों ने उनपर पुराने मामलों को लेकर परेशान करने का आरोप लगाया था। साल 2018 के आरोपों के बाद पंजाब महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से मामले पर उसका रुख पूछा था।

चरणजीत सिंह चन्नी को उस समय तत्कालिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने महिला अधिकारी से माफी मांगने को कहा था। उन्होंने कहा था कि उनका मानना है कि इस मामले का समाधान महिला अधिकारी के संतुष्ट होने के साथ हो गया है।

चन्नी के CM बनते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #MeToo, जानें पूरा मामला

ये भी पढ़ें: चरणजीत सिंह चन्नी ने ली CM पद की शपथ, राहुल गांधी भी हुए कार्यक्रम में शामिल

इसके अलावा, साल 2018 में चमकौर साहिब की 13 साल की एक दलित नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और खरड़ के डीएसपी उसके परिवार पर पैसा लेकर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। इस मामले में नेशनल शेड्यूल कास्ट एलाइंस के प्रधान परमजीत सिंह कैंथ ने 6 जनवरी को पटियाला में कैंडल मार्च निकालने की घोषणा की थी।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में 02 जनवरी 2018 को पीड़ित नाबालिग ने एक प्रेस कांफ्रेंस किया था। तब उसने बताया था कि पिछले वर्ष फरवरी में (यानी फरवरी 2017 में) गांव के ही कुछ युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। आरोपियों के संपन्न परिवार से होने के कारण पहले पुलिस ने पर्चा दर्ज नहीं किया। जुलाई में पुलिस ने चार आरोपियों के विरुद्ध पर्चा तो दर्ज कर लिया, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

पीड़िता ने बताया था कि आरोपी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। उसने आरोप लगाया कि तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और खरड़ के डीएसपी उनके परिवार पर पैसा लेकर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। वे खुद दलित हैं और दलित समुदाय का होने के बावजूद समझौते का दबाव बना रहे हैं।

चन्नी के CM बनते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #MeToo, जानें पूरा मामला

ये भी पढ़ें: दलित नेता को पंजाब की बागडोर, चरणजीत सिंह चन्नी होंगे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री

वहीं, नेशनल शेड्यूल कास्ट अलाइंस के प्रधान परमजीत सिंह कैंथ ने कहा था कि कांग्रेस सरकार में दलितों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। मंत्री ही न्याय के बीच बाधा बन रहे हैं। कैंथ ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की है कि पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए। कैंथ ने 6 जनवरी को पटियाला में कैंडल मार्च निकालने की घोषणा की है।

हालांकि, चरणजीत सिंह चन्नी ने इन सभी आरोपों से इंकार किया था। उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि परमजीत सिंह कैंथ उनसे निजी लाभ लेना चाहते हैं। लाभ देने से मना किए जाने के कारण वह ऐसे ओछी हरकतों पर उतर आए हैं।

मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि कैंथ दलित नेता बनकर उनकी छवि व राजनीतिक कद पर दाग लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पीड़ित परिवार पर कोई दबाव बनाया। उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। #MeToo विवाद के अलावा चन्नी अपने राजनीति काल में अजीबोगरीब फैसले करने के लिए भी जाने जाते हैं। जैसे- सिक्का उछाल कर ठेका देना, वगैरह।


[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]

Leave a Reply

Your email address will not be published.