दलित नेता को पंजाब की बागडोर, चरणजीत सिंह चन्नी होंगे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री

दलित नेता को पंजाब की बागडोर, चरणजीत सिंह चन्नी होंगे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री

चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले खबर आई थी कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को शपथ ले सकते हैं लेकिन आखिरी समय में सब कुछ बदल गया, जब हरीश रावत ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का ऐलान कर दिया।

रावत ने ट्वीट कर कहा, “चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस की विधायक दल की मीटिंग में एकमत से सीएम बनाए जाने का फैसला लिया गया है।” वहीं, राज्य में पर्यवेक्षक के तौर पर पहुंचे अजय माकन ने भी ट्वीट किया है कि शाम को 6:30 बजे हरीश रावत और विधायक दल के नए नेता गवर्नर हाउस जाएंगे।

चन्नी दलित समुदाय से आते हैं। वे 1966 में हुए राज्य के पुनर्गठन के बाद से पहले दलित सीएम होंगे। कैप्टन सरकार में चरणजीत सिंह चन्नी तकनीकी शिक्षा और पर्यटन मंत्री थे। फिलहाल, चमकौर विधानसभा सीट से विधायक हैं। चन्नी पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं।

कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा इससे पहले रेस में आगे माने जा रहे थे लेकिन चन्नी का नाम आने के बाद उन्होंने कहा कि यह हाईकमान का फैसला है। रंधावा ने कहा, “यह हाईकमान का फैसला है। मैं इसका स्वागत करता हूं। चन्नी मेरे लिए छोटे भाई की तरह हैं। मैं निराश नहीं हूं।”

रंधावा से पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आया था। फिर खबर आई कि स्वास्थ समस्याओं के चलते उन्हें सीएम बनने से इंकार कर दिया है। सोनी से पहले सुनील जाखड़ का नाम भी उछला था पर वो भी गलत साबित हुआ।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद से ही जिन नामों की चर्चा चल रही थी, उनमें दूर-दूर तक चन्नी रेस में नहीं थे। लेकिन अचानक उनका नाम सामने आने से पूरी बाजी ही पलटती दिख रही है।

कहा जा रहा है कि दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने बड़ी आबादी को साधने का काम किया है। उन्हें कमान देकर कांग्रेस हिंदू, दलित और सिखों को एक साथ साधने का प्रयास करेगी।

दलित नेता को पंजाब की बागडोर, चरणजीत सिंह चन्नी होंगे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री

कौन हैं चन्नी? 

चन्नी का जन्म 2 अप्रैल 1972 को चमकौर साहिब के पास मकरोना कलां गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा सरकारी प्राथमिक स्कूल से प्राप्त की। उनके पिता का नाम एस. हरसा सिंह और माता अजमेर कौर है।

चन्नी के पिता ने अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया, जिसके लिए वे मलेशिया भी चले गए। उन्होंने कड़ी मेहनत की और अंततः अपने उपक्रमों में सफल हुए। मलेशिया से लौटने के बाद चन्नी के पिता ने खरड़ शहर में एक टेंट हाउस का व्यवसाय शुरू किया और वहीं बस गए।

चरणजीत सिंह चन्नी को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। उल्लेखनीय है कि भारत में सबसे अधिक दलित सिख पंजाब में हैं। दलित सिखों की संख्या पंजाब में लगभग 32 फीसदी है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दलित सिख चेहरा होना उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में रहा है।


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