कर्नाटक में कोर्ट के आदेश के बाद मंदिरों को तोड़े जाने के खिलाफ बवाल मजा हुआ है। इसी कड़ी में एक हिंदू महासभा नेता ने कर्नाटक में शनिवार को सत्ताधारी बीजेपी सरकार को धमकी दे डाला। हिंदुत्वादी नेता ने धमकी देते हुए कि हिंदुओं की रक्षा के लिए हमने गांधी को भी नहीं बख्शा तो तुम्हारी क्या बिसात है।
हिंदू महासभा के नेता धर्मेंद्र ने ये बातें मंगलुरू में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करने के दौरान कहीं। यह प्रेस कांफ्रेंस यहां ढहाए गए अवैध धार्मिक ढांचों के संबंध में आयोजित की गई थी।
हिंदू महासभा नेता ने मीडिया के सामने ही भाजपा सरकार के नेताओं को खुलेआम चुनौती देते हुए कहा कि जब हमने हिंदुओं की रक्षा के लिए महात्मा गांधी को नहीं बख्शा तो तुम्हें क्या लगता है हम तुम्हें छोड़ देंगे।
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धर्मेंद्र ने आगे कहा, “सरकार ने चित्रदुर्गा, दक्षिण कन्नड़ और मैसूर में मंदिरों को ढहा दिया है। कौन चला रहा है सरकार? अगर यह सब कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ होता तो तुम्हें क्या लगता है हालात ऐसे ही रहते? इस नेता ने आगे कहा कि जब तक हिंदू महासभा है, किसी भी हिंदू मंदिर को ढहाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”
हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें देखा जा सकता है कि मैसूर जिला प्रशासन महादेवम्मा मंदिर को ढहा रहा है। हिंदू महासभा का यह बयान इसी के बाद आया है। असल में कर्नाटक हाई कोर्ट ने सरकारी जमीनों पर बने अवैध निर्माणों पर सख्ती न करने के लिए सरकार की खिंचाई की थी।
I condemn the demolition of an ancient Hindu temple by @BJP4Karnataka govt in Nanjanagudu, Mysuru.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) September 11, 2021
The demolition is done without the consultation of the people in the region & has hurt the religious sentiments.
1/2 pic.twitter.com/t1TrZy2s3t
इसके बाद मैसूर जिला प्रशासन यह कार्रवाई कर रहा था। हाई कोर्ट ने 12 अगस्त को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 29 सितंबर, 2009 के बाद बना कोई भी अवैध धार्मिक निर्माण मान्य नहीं होगा।
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हिंदू महासभा नेता धर्मेंद्र ने आगे कहा कि इस अभियान के तहत मस्जिद और चर्च क्यों नहीं ढहाए जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि अगर हमारा संविधान समानता के अधिकार की बात करता है तो केवल हिंदू ही क्यों निशाने पर लिए जा रहे हैं?
वहीं, कर्नाटक सरकार ने इस मामले पर जवाब देते हुए कहा कि उसे मैसूर जिला प्रशासन के मंदिर गिराने की योजना की जानकारी नहीं थी। सरकार ने इस कदम को गलत ठहराते हुए, इस अभियान पर रोक लगाने की बात भी कही।
ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नर से कहा जाएगा कि वह जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। सरकार इस पर बैठकर विचार-विमर्श करेगी, इसके बाद उचित दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
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