सोनिया गांधी-प्रियंका गांधी के सवाल से बैकफुट पर आया CBSE, महिला विरोधी प्रश्न हटाए

सोनिया गांधी-प्रियंका गांधी के सवाल से बैकफुट पर आया CBSE, महिला विरोधी प्रश्न हटाए

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में आए गद्यांश को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी महिला विरोधी बताया है। इससे पहले प्रियंका गांधी ने इस पर सवाल उठाया था। सोनिया गांधी ने बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय से प्रश्नपत्र को तत्काल वापस लेने की बात कही।

कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा में कहा कि इस पूरे पैसेज में बेहद आपत्तिजनक बातें कही गई हैं, जिसका कोई मतलब नहीं है। इनकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षाविदों की चिंता सबके सामने रख रही हूं और इस तरह के महिला विरोधी कॉन्टेंट पर कड़ी आपत्ति दर्ज करती हूं। इस तरह के कॉन्टेंट से शिक्षा के खराब मानकों का पता चलता है। यह, प्रगतिशील और सशक्त समाज के नियमों और कायदों के विरुद्ध है।”

उन्होंने कहा कि आपत्तिजनक कंटेंट को जल्द-से-जल्द हटाया जाए। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए शिक्षा मंत्रालय और CBSE से कहा कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने CBSE पाठ्यक्रम में, जेंडर सेंसिटिविटी स्टैंडर्ड की समीक्षा करने की मांग भी की है। दूसरे कई लोगों ने भी प्रश्न को महिला विरोधी करार दिया है।

ये भी पढ़ें: कौन हैं हरनाज़ संधू जिन्होंने 21 साल बाद भारत को दिलाया मिस यूनिवर्स खिताब

शून्यकाल में इस विषय को उठाते सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा, “मैं सरकार का ध्यान गत 11 दिसंबर को CBSE की 10वीं कक्षा की परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में आए एक अप्रिय और प्रतिगामी सोच वाले अपठित गद्यांश को लेकर देशभर में उपजे आक्रोश की ओर दिलाना चाहती हूं।”

उन्होंने गद्यांश का उल्लेख करते हुए अंग्रेजी में उसके दो वाक्यों को भी उद्धृत किया जिनमें लिखा है- “महिलाओं को स्वतंत्रता मिलना अनेक तरह की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का प्रमुख कारण है और पत्नियां अपने पतियों की बात नहीं सुनती हैं जिसके कारण बच्चे और नौकर अनुशासनहीन होते हैं।”

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ये मुद्दा उठाया था। प्रश्नपत्र पर आपत्ति जताते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया- “अविश्वसनीय। क्या हम वास्तव में बच्चों को ऐसा निरर्थक ज्ञान दे रहे हैं? स्पष्ट रूप से बीजेपी सरकार महिलाओं संबंधी इन पतनशील विचारों का समर्थन करती है। अन्यथा ये CBSE पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?”

ये भी पढ़ें: हिंदूवादी संगठन के लोगों ने ईसाई धर्म की किताबों को किया आग के हवाले

दूसरी तरफ, तमिलनाडु से कांग्रेस की नेता लक्ष्मी रामचंद्रन ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि CBSE द्वारा यहां 10वीं कक्षा के प्रश्नपत्र में महिलाओं के पत्नी रूप के लिए आपत्तिजनक बातें कही गई हैं। उनका कहना है कि CBSE ने अपने एक पैराग्राफ में कुछ इस तरह की बातें लिखीं, जिनसे यह दर्शाया गया कि पत्नी को पति की हर आज्ञा का पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह अपमानजनक रूप से निर्थक पैराग्राफ है। 10वीं CBSE बोर्ड परीक्षा के पेपर में दिखाई दिया। हम अपने बच्चों को क्या पढ़ा रहे हैं, CBSE को स्पष्टीकरण देना होगा और हमारे बच्चों को इसके लिए उकसाने के लिए माफी मांगनी होगी। हालांकि, CBSE ने विवाद के बाद विवादित सवाल को हटा लिया है। बोर्ड ने कहा कि उसके फुल मार्क्स दि जाएंगे।

एक नोटिफिकेशन जारी कर CBSE ने कहा है कि चूंकि 10वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा में प्रश्न पत्रों के एक सेट में पारित होना प्रश्न पत्रों की स्थापना के संबंध में बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्न को छोड़ दिया जाए और इसके लिए छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.