कोविड-19 महामारी में क्या हिंदू, क्या मुसलमान सबकी की एक ही समस्या है कोरोना। चारों तरफ लोग की लाशें दिखाई दे रही हैं। ऑक्सीजन के चलते मारामारी मची हुई है। लोग अस्पतालों के बाहर बेड मिलने के इंतजार में मर रहे हैं। लेकिन ऐसे हालात में भी कुछ नेता अपनी संप्रदायिक मानसिकता से बाज नहीं आ रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, गुजरात के वडोदरा के कुछ भाजपा नेताओं ने खासवाडी विद्युत शवदाह गृह में एक मुसलमान की उपस्थिति पर सख्त आपत्ति जताई है। भाजपा के अध्यक्ष डॉ. विजय शाह समेत वडोदरा नगर के कुछ नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपनी आपत्ति के बारे में महापौर को अवगत करा दिया है।
उन्होंने महापौर के सामने मांग रखी है कि वे सुनिश्चित करें कि शवदाह गृह में मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। हालांकि, महापौर ने भाजपा के नेताओं के मांग को अनुचित ठहराया है। इतनी ही नहीं भाजपा के कुछ नेताओं ने भी विजय शाह और उनके समर्थकों के रवैये को अनुचित ठहराया है।
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खबरों के मुताबिक, जब से कोरोना महामारी आया हुआ है, अनेक मुस्लिम स्वयंसेवक मृतकों के अंतिम संस्कार में लोगों की सहयोग कर रहे हैं। विशेषकर मुसलमान उन लोगों की मदद कर रहे हैं जिन शवों के परिजन कोरोना संक्रमण होने के डर से अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच रहे हैं।
वडोदरा के महापौर ने मंत्री योगेश पटेल के साथ मुस्लिम संगठनों के सदस्यों से भेंट कर इस संकट की घड़ी में उनकी ओर से किए गए सहयोग के लिए उनके प्रति आभार जताया है। उन्होंने यह भी आशा व्यक्ति किया है कि भविष्य में भी मुस्लिम कार्यकर्ता ऐसे ही सहयोग करते रहेंगे।
पिछले दिनों भोपाल के रहने वाले दानिश सिद्दीकी और सद्दाम कुरैशी की ऐसी ही खबर वायरल हुई थी कि अब तक उन्होंने करीब 60 शवों का अंतिम संस्कार किया है। नगर निगम के कर्मचारी सद्दाम और दानिश उन शवों का अंतिम संस्कार करते हैं जिनके परिजन नहीं पहुंच पाते हैं। देशभर में ऐसे कई लोग हैं जो एक-दूसरे की मदद इस संकट में कर रहे हैं।
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सुखद बात यह है कि कुछ भाजपा नेताओं ने अपने पार्टी नेताओं के बैन की मांग को गलत करार दिया है। उनका कहना है कि ऐसी मुसीबत की घड़ी में धार्मिक आस्थाओं को लेकर भेदभाव नहीं करना चाहिए। इन नेताओं ने कहा कि पिछले कई दिनों से और पिछले साल भी मुसलमानों के अनेक समूहों ने अंतिम संस्कार करने में वडोदरा निगम की भरसक मदद की।
शवदाह गृह के संचालकों ने बताया कि जिस युवक की उपस्थिति पर आपत्ति की गई वह पिछले कई दिनों से दिन-रात अंतिम संस्कार करवाने में लगा हुआ है। मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिछले साल भी लगभग 1,000 के करीब अंतिम संस्कार करवाने में मदद की थी।
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