अपनों ने छोड़ा साथ तो रमजान में दानिश और सद्दाम ने किया 60 शवों का अंतिम संस्कार

अपनों ने छोड़ा साथ तो रमजान में दानिश और सद्दाम ने किया 60 शवों का अंतिम संस्कार

कोरोना ने श्मशान और कब्रिस्तान का फर्क मिटा दिया है। जब चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है इसी बीच भोपाल से इंसानियत की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। दरअसल, यहां मुस्लिम युवक ऐसे हिन्दू शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं जिनके परिजन कोरोना संक्रमण के डर से उनके अंतिम संस्कार के लिए नहीं आ रहे हैं।

भोपाल के रहने वाले दानिश सिद्दीकी और सद्दाम कुरैशी इंसानियत का परिचय देते हुए तकरीबन अब तक करीब 60 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके है। नगर निगम के कर्मचारी सद्दाम और दानिश का कहना है कि धर्म से ऊपर इंसानियत है। कोरोना काल के दौरान हो रही मौत रिश्तों को भी कई बार निगल रही है। कुछ मजबूरी में और कुछ डर के मारे अपनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ऐसे भी लोग आते हैं जो बॉडी को छुने से मना कर देते हैं तो हम विश्राम घाट वाले और दूसरे कर्मचारी साथ मिलकर उनका अंतिम संस्कार करवा देते हैं। वैसे ही जैसे रीति-रिवाज के साथ होता है। यह हमारा काम है और काम में धर्म वगैरह देखा नहीं जाता है। जो काम है हम कर रहे हैं और आगे भी करेंगे।”

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कोरोना काल में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके पास दाह-संस्कार करने के पैसे नहीं है। कुछ ऐसे भी हैं शवों को जलाने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में जाति-धर्म के बंधन को तोड़कर भोपाल के दानिश और सद्दाम ऐसे शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। खासकर उन लोगों का जो दाह संस्कार करने के लिए सक्षम नहीं हैं।

अपने ने छोड़ा साथ तो रमजान में दानिश और सद्दाम ने किया 60 शवों का अंतिम संस्कार

देखा जाए तो जब से कोरोना के मामलों में इजाफा होना शुरू हुआ है तब से श्मशान घाटों में बड़ी संख्या में शव दाह संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं। पहुंचने वाले लोगों में कविड-19 मृतकों के अलावा सामान्य शव भी हैं। हालांकि, ज्यादातर का अंतिम संस्कार परिवार की मौजूदगी में हो रहा है पर कुछ शव ऐसे भी आ रहे हैं जिनके परिजन कोरोना के डर की वजह से दाह-संस्कार के लिए नहीं आ रहे हैं।

रमजान का महीना चल रहा है ऐसे समय में सद्दाम और दानिश देवदूत बन रहे हैं। दोनों रोजे के दौरान सुबह से अस्पतालों और श्मशानों के चक्कर लगाते हैं और ऐसे शवों का अंतिम संस्कार करते हैं जिसका कोई नहीं होता है। पूछने पर वे कहते हैं कि धर्म से ऊपर इंसानियत है। इनका मानना है कि यही सबसे बड़ा पुण्य है।

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उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार सुबह कोरोना का आंकड़ा जारी किया गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2,59,170 नये केस सामने आए हैं। इस आंकड़े के साथ एक्टिव केस की संख्या 1 करोड़ 53 लाख 21 हजार 089 तक पहुंच गई। हालांकि, संक्रमित की संख्या में पिछले दिन के मुकाबले सोमवार को कुछ कमी देखी गई।

अभी तक 1,31,08,582 मरीज रिकवर हुए हैं। कल 1761 मरीजों की मौत हुई। इन आंकड़ों के साथ मरने वालों की संख्या अब तक 1,80,530 हो गई है। कल देशभर में 32,76,555 लोगों को वैक्सिनेशन किया गया। इसके साथ ही अभी तक 12,71,29,113 लोगों को कोरोना को टीका लगाया चुका है। देश में रिकवरी दर घटकर 85.56 फीसदी और सक्रिय मामलों की दर बढ़कर 13.26 प्रतिशत हो गई है, जो हैरान करने वाले हैं। लेकिन मृत्युदर घटकर 1.18 फीसदी रह गई है।

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