घरेलू नुस्खों के चक्कर में वक्त से पहले मारे जाएंगे, कोरोना लक्षण दिखने पर न करें ये काम

घरेलू नुस्खों के चक्कर में वक्त से पहले मारे जाएंगे, कोरोना लक्षण दिखने पर न करें ये काम

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हर तरफ त्राहि-त्राहि की स्थिति है। इस बीच घरेलू नुस्खें समस्याओं को और गंभीर बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने से लेकर कोरोना मारने तक, न जाने क्या-क्या शेयर किया जा रहा है। आज-कल एक घरेलू नुस्खा तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल की पोटली बनाकर सूंघने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है।

वायरल पोस्ट में दावा करते हुए लिखा गया है, “कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें डालकर पोटली बना लें और इसे पूरे दिन सूंघते रहें। ये ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने और सीने में घरघराहट की दिक्कत दूर करने में मदद करता है। ये पोटली लद्दाख में पर्यटकों को दी जाती है जब ऑक्सीजन लेवल कम होता है।”

सच कहा जाए तो देश के नेता भी इन अफवाहों के आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं, जो केवल मुर्खता है, और कुछ नहीं। दरअसल, अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी फेसबुक पर इस पोस्ट को शेयर किया था। आपको बता दें कि इस घरेलू नुस्खे का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। आइए जानते हैं कि इस नुस्खे में कितनी सच्चाई है और इसमें इस्तेमाल सामग्री का सेहत पर क्या और कैसा असर पड़ता है-

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कपूर (Camphor)

घरेलू नुस्खों के चक्कर में वक्त से पहले मारे जाएंगे, कोरोना लक्षण दिखने पर न करें ये काम

कपूर एक ज्वलनशील सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ है। इसमें तेज सुगंध आती है। कुछ लोग इसका इस्तेमाल दर्द और खुजली दूर करने के लिए करते हैं। ये कुछ मात्रा (4-5%) में विक्स वेपोरब में भी मिलाया जाता है। कपूर के प्रभावी होने के मिले-जुले सबूत हैं। कुछ पुरानी अध्यनों के अनुसार, कपूर और नीलगिरी तेल का बंद नाक पर कोई असर नहीं पड़ता है।

एक दूसरे स्टडी के मुताबिक, इस बात का कोई सबूत नहीं है बंद नाक से राहत मिल जाने से ऑक्सीजन लेवल में सुधार आ जाता है। कपूर की थोड़ी-सी भी ज्यादा मात्रा सूंघना खतरनाक हो सकता है, खासकर बच्चों के लिए। थोड़ी-सी भी इसकी अधिक मात्रा शरीर में जहर फैला सकता है।

अमेरिकी एसोसिएशन ऑफ प्वाइजन कंट्रोल सेंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में साल 2018 में कपूर से फैले जहर के लगभग 9,500 मामले आए थे जिनमें से 10 लोगों को जान जाने का खतरा था। और उन सभी में किसी-न-किसी तरह की शारीरिक अक्षमता आ गई थी। एफडीए के मुताबिक, 11 फीसद से ज्यादा कपूर का इस्तेमाल जहरीला हो सकता है और इससे गंभीर दौरे पड़ सकते हैं।

सीडीसी गाइडलाइन के अनुसार, कपूर सूंघने से नाक, आंख और लगे में जलन हो सकती है। इससे दौरे पड़ सकते हैं। दिमागी भ्रम और पेट दर्ट की शिकायत हो सकती है। यह अधिक मात्रा में लेने से मौत का कारण भी बन सकता है।

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लौंग (Clove)

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इटली के एकल साहित्य समीक्षा पर पोटली में लौंग होने का दावा आधारित है। ऐसा माना जा रहा है कि लौंग SARS-CoV-2 पर असर डाल सकता है। हालांकि, रिसर्च में कहा गया है कि ये समीक्षा हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस पर आधारित है और इसका कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है।

यह शोध रिसर्च यूजेनॉल कंपाउंड पर आधारित है जो लौंग, तुलसी, दालचीनी और जायफल में पाया जाता है। याद रखिए इसे जहरीला माना जाता है। हालांकि, वायरल पोस्ट में सिर्फ यूजेनॉल सूंघने की सलाह नहीं दी गई है। सिर्फ लौंग सूंघना सेहत के लिए खतरना हो सकता है। रिसर्च में अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिला है कि लौंग ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाता है या सांस से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है।

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अजवाइन और नीलगिरी का तेल (Celery and Eucalyptus Oil)

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अजवाइन और नीलगिरी का तेल को लेकर किसी भी स्टडी में कोई सबूत नहीं मिले हैं जिससे पता चलता हो कि इन दोनों चीजों के सुंघने से ब्लड ऑक्सीजन बढ़ता है। अजवाइन और नीलगिरी के तेल में सांस से जुड़ी किसी भी दिक्कत दूर करने की क्षमता नहीं है।

घरेलू नुस्खों में दावा किया जा रहा है कि एंबुलेंस में कोविड-19 मरीजों के लिए इस घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकॉल में इस तरह के किसी भी चीज की जानकारी नहीं मिलती है। इस तरह की कोई गाइडलाइन नहीं है।

कुल मिलाकर बात ये कि ऐसे कोई प्रमाण नहीं है कि कपूर, लौंग या अजवाइन ब्लड ऑक्सीजन को बढ़ाते हैं। या फिर सांस से जुड़ी समस्याओं ठीक करते हैं। हालांकि, ये साइनस या फिर हल्के श्वसन संक्रमण में राहत पहुंचाता है। बेहतर यही है कि इस तरह के किसी भी वायरल घरेलू नुस्खों पर भरोसा न करें। कोई भी दिक्कत आए तो आप डॉक्टर से संपर्क करें।

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कुछ दूसरे घरेलू नुस्खे जो इन दिनों शेयर किए जा रहे हैं-

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सोशल मीडिया पर यह भी दावा कि जा रहा है कि भाप लेते रहने से कोरोना वायरस खत्म हो जाता है। ऐसे में लोग पानी में तरह-तरह के तेल डालकर भाप लेते हुए वीडियो वायरल कर रहे हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोई भी इस बात का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जिससे साबित होता हो की भाप लेने से कोरोना वायरल खत्म हो जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार भाप लेने से गले और फेफड़े से बीच की नली को नुकसान पहुंच सकता है जो कोरोना के लक्षणों को और गंभीर बना सकता है।

यूनिसेफ इंडिया की तरफ से जारी किए गए एक वीडियो में एक्सपर्ट का कहना है कि स्टीम लेने के कई खतरनाक परिणाम सामने आ सकते हैं। इसके लगातार लेने से गले और फेफड़े से बीच की नली में टार्किया और फैरिंक्स को नुकसान हो सकता है, यहां तक की ये जल भी सकते हैं। ऐसा करने के बाद आपको सांस लेने में दिक्कत बढ़ सकती है और वायरस का शरीर में दाखिल होना और आसान हो सकता है।

भाप लेने के अलावा कुछ लोग तरह-तरह का काढ़ा बनाकर पी भी रहे हैं। ऐसे लोगों का मानना है काढ़ा पीने से शरीर का एम्यून सिस्टम मजबूत होता है और वायरस नहीं टिक पाता। लेकिन आपको बता दें कि काली मिर्च, दालचीनी, जायफल और सोंठ जैसे मसाले बहुत गर्म होते हैं। इनकी थोड़ी भी ज्यादा मात्रा फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा सकती है। अगर इन गर्म मसालों को लेते हैं तो पेट में जलन और मुंह में छाले हो सकते हैं। इसलिए काढ़ा मनाते समय सामग्री की मात्रा का खास ख्याल जरूर रखें। अधिक फायदे के चक्कर में अधिक सेवन न रहें।

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इसी तरह की दावा काली मिर्च को लेकर भी है। वायरल पोस्ट में कहा गया है कि एक चम्मच काली मिर्च पाउडर में शहद और अदरक का रस मिलाकर 5 दिनों तक लगातार पीने से कोरोना के प्रभाव को 100 फीसद तक खत्म किया जा सकता है। यह दावा भी पूरी तरह से भ्रम है। इस दावे को डब्ल्यूएचओ (WHO)की तरफ से खरिज किया गया है। इसको लेकर संस्था ने कहा था कि ये बात पूरी तरह गलत है। काली मिर्च का इस्तेमाल किसी भी तरह कोरोना वायरस से नहीं बचा जा सकता है।

लहसुन को लेकर भी कुछ ऐसा ही दावा है। कहा जा रहा है कि लहसुन खाने से कोरोना का असर खत्म हो जाता है। यह सच है कि लहसुन में मौजूद एलिसिन नाम का तत्व एम्यून सेल्स को रोगों से लड़ने की ताकत देता है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इस बात के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं कि लहसुन में मौजूद तत्व कोरोना के वायरस पर असर डालते हैं। अदरक, लहसुन की ज्यादा मात्रा से ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।


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