चुनाव बिता भी नहीं पश्चिम बंगाल में ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ की दस्तक, भारी तबाही के आसार

चुनाव बिता भी नहीं पश्चिम बंगाल में ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ की दस्तक, भारी तबाही के आसार

कोरोना वायरस की ‘दूसरी लहर’ आने से देशभर में चारों तरफ तबाही मची हुई है। फिलहाल, देशवासियों के मन में डबल म्यूटेंट और ब्रिटेन, ब्राजील समेत अन्य देशों से आए वैरिएंट की चिंता चिंता सता रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव बिता भी नहीं है कि वहां कोरोना का एक नया स्वरूप B.1.618 यानी ट्रिपल म्यूटेंट ने दस्तक दे दी है।

नेताओं ने सबसे अधिक रैलियां इसी राज्य में की हैं और यही वजह है कि लोग यहां रैलियों में एक-दूसरे के संपर्क में आए हैं। बंगाल में ट्रिपल वैरिएंट बड़े स्तर पर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मनना है कि कोविड-19 वायरस का यह प्रकार दूसरे वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। फिलहाल, इस विशेषज्ञ इसके बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।

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जानकारी के अनुसार, ट्रिपल म्यूटेंट में ही इसकी जानकारी छुपी है। वायरस के तीन म्यूटेशन शामिल हैं। ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट को भारत में पहचान में आई SARS-CoV-2 की दूसरी लाइनेज कहा जा सकता है। इसे B.1.618 कहा जा रहा है और यह ज्यादातर पश्चिम बंगाल में फैल रहा है।

चुनाव बिता भी नहीं पश्चिम बंगाल में 'ट्रिपल म्यूटेंट' की दस्तक, भारी तबाही के आसार

कोरोना वायरस का यह वैरिएंट दूसरे वाले से कितना खतरनाक है, इस बात की सही जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दूसरे वैरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है। डॉक्टर मधुकर पई जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि यह और ज्यादा तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। यह लोगों को जल्दी बीमार बना रहा है।

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इस वैरिएंटके सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इसका वैक्सीन कार्यक्रम पर क्या असर होगा। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपर्ट्स ने इस बात पर चिंता जताया है कि वैक्सीन की प्रभावकारिता पर इसका असरपड़ सकता है। क्योंकि नए वायरस में बड़ा म्यूटेशन है, जिसे E484K कहा जाता है।

कहा जाता है कि यह इम्यून सिस्टम से बचकर निकलने में मदद करता है। इससे पहले E484K ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट्स में पाया गया था। हालांकि, कई जानकार इसपर अभी अधिक प्रयोग किए जाने की बात कह रहे हैं।


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