ऑक्सीजन को लेकर देशभर में हाहाकार मची हुई है। इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में एक और दर्दनाक हादसा हो गया है। दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल में एक, सर गंगाराम हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी होने के चलते 25 मरीजों की मौत हो गई है। ये सभी मौतें बीचे 24 घंटों में हुई हैं। बताया जा रहा है कि अस्पताल के पास अब महज दो घंटे की ही ऑक्सीजन बची है और करीब 65 मरीजों की जान खतरे में है।
25 'sickest' patients die at Sir Ganga Ram Hospital in Delhi; low pressure oxygen likely cause: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) April 23, 2021
खबरों के मुताबिक, सर गंगाराम अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने बताया, “अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 25 बीमार मरीजों की मौत हो गई है। अस्पताल में ऑक्सीजन बस दो घंटे और चलेगी। वेंटिलेटर और Bipap प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से 60 अन्य बीमार मरीजों की जान जोखिम में है।”
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उन्होंने आगे कहा कि गैर-मशीनी तरीके से आईसीयू और आपात-चिकित्सा विभाग में वेंटिलेशन बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल, इस अस्पताल में तरीब 500 से अधिक कोरोना मरीज भर्ती हैं जिसमें से 150 मरीज ‘हाई फ्लो ऑक्सीजन’ सपोर्ट पर हैं। गुरुवार रात को अस्पताल के अधिकारियों ने सरकार को आपात संदेश भेजकर कहा था कि स्वास्थ्य केंद्र में केवल पांच घंटे की ऑक्सीजन बची है और इसलिए इसकी आपूर्ति की जाए।

शहर के कई निजी अस्पतालों में पिछले चार दिनों में ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है। दिल्ली सरकार से कुछ अस्पतालों ने मरीजों को दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में भी भेजने का अनुरोध किया। सर गंगाराम अस्पताल की तरह ही दिल्ली के हिंदूराव अस्पताल में कुछ ही समय का ऑक्सीजन का स्टॉक बचा है। ऐसे में आईसीयू में बची हुई ऑक्सीजन इस्तेमाल करने और वार्डों में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।
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अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए नए कोरोना मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। इसी तरह रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में भी ऑक्सीजन की किल्लत के बाद नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया गया है। इसी तरह अपोलो, मैक्स, विमहंस जैसे अस्पतालों में भी कुछ समय के लिए नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। दिल्ली के छोटे-छोटे नर्सिंग होम और अस्पतालों की हालत इस वक्त सबसे ज्यादा खराब है। गुरुवार दोपहर तक राजधानी के 15 से अधिक छोटे अस्पताल शट डाउन हो गए।
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