BJP विधायक का बयान, केरल की साक्षरता है राज्य में भाजपा की राह में रोड़ा

BJP विधायक का बयान, केरल की साक्षरता है राज्य में भाजपा की राह में रोड़ा

केरल विधानसभा चुनाव 2021 अब कुछ ही दिन बचे हैं। सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। लेकिन इसी बीच 2016 में केरल में बीजेपी के लिए एकलौता सीट जीतने वाले ओ. राजगोपाल ने राज्‍य में होने वाले चुनाव को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। राजगोपाल ने केरल में अधिक साक्षरता को अपनी पार्टी के लिए रोड़ा बताया है।

उन्होंने कुछ ऐसे बिंदु गिनाए हैं जो किसी को भी अचंभिक करने के लिए काफी हैं। हालांकि, इस बार ओ. राजगोपाल नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछली बार नेमन सीट से जीत दर्ज की थी। इंडियन एक्‍सप्रेस अखबार को दिए इंटरव्‍यू में राजगोपाल ने कहा, “मैं अब 93 साल का हूं। मेरा खराब स्‍वास्‍थ्‍य अब मुझे निर्वाचित व्‍यक्ति के रूप में कार्य करने की अनुमति नहीं देता है। इसलिए मैंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया। इस बार राजशेखरन को चुनाव लड़ रहे हैं। मुझे उम्‍मीद है कि वह जीतेंगे।”

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जब राजगोपाल से केरल में बीजेपी के कमजोर होने को लेकर पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, “केरल में कई विभिन्‍नताएं हैं। इसके दो से तीन कारक हैं। केरल में 90 फीसदी साक्षरता है। यहां लोग सोचते हैं, वे तार्किक हैं। यह साक्षर व्‍यक्ति की पहचान है। यह पहला कारक है। दूसरा कारक है कि राज्‍य में 55 फीसदी हिंदू हैं और 45 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक हैं। गणना में हर पहलू लागू होता है। यही कारण है कि केरल की तुलना किसी राज्‍य से नहीं की जा सकती है। यहां स्थिति अलग है। लेकिन हम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “यह त्रिकोणीय चुनाव हो सकता है। लेकिन कांग्रेस की राष्‍ट्रीय स्‍तर के साथ ही राज्‍य स्‍तर पर छवि कमजोर है। यह एक तथ्‍य है। मुरलीधरन नेमोन सीट से कांग्रेस के प्रत्‍याशी हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके पिता करुणाकरण बड़े नेता रहे हैं। मेरी मुरलीधरन से निजी दुश्‍मनी नहीं है। लेकिन तथ्‍य यह है कि पिता पिता ही होता है और बेटा बेटा होता है।”

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इंटरव्‍यू में जब भाजपा विधायक से पूछा गया कि क्‍या केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को बढ़त मिल रही है? तो राजगोपाल ने कहा, “यह कहना मुश्किल है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि थोड़ी से बढ़त है। क्‍योंकि विपक्ष जनता के बीच भरोसा जीतने में विफल रहा है। कांग्रेस नेता रमेश चेन्‍नीथला समझदार हो सकते हैं। लेकिन लोग कांग्रेस के साथ जुड़ने से डर रहे हैं। कांग्रेस एक डूबती कश्‍ती है।

उधर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राजगोपाल के इंटरव्‍यू पर मजे लेते हुए ट्वीट किया है, “एक आधिकारिक बीजेपी सूत्र ने माना कि केरलवासी बीजेपी को वोट नहीं देते क्योंकि वे शिक्षित हैं और सोच सकते हैं!”

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उल्लेखनीय है कि 140 सीटों वाले केरल विधानसभा के लिए 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। यहां चुनाव एक फेज में ही कराए जाएंगे और नतीजे 2 मई को आएंगे। केरल में इस वक्त सभी पार्टियां धुआंधार प्रचार कर रही हैं। इस वक्त राज्य में लेफ्ट पार्टियों के नेतृत्व वाली एलडीएफ सत्ता में है। जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ मुख्य विपक्षी दल है। इन दोनों ब्लॉक के बीच बीजेपी अपनी जमीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

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