राष्ट्रपति बनते ही जो बाइडेन ने मुस्लिम देशों और जलवायु समेत 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति बनते ही जो बाइडेन ने मुस्लिम देशों और जलवायु समेत 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने ही जो बाइडेन ने पिछली सरकार के कई बड़े फैसलों को पलट दिया है। उन्होंने सत्ता में आते ही पेरिस जलवायु समझौते पर वापसी का ऐलान किया और साथ ही उन्होंने पहले दिन 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इन फैसलों में मुस्लिम देशों पर लगाए गए आव्रजन के बैन को हटाना भी शामिल है।

साल 2017 में डोनाल्ड ट्रंप ने 7 मुस्लिम देशों- इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन पर ट्रैवल बैन लगा दिया था। पद संभालते ही उन्होंने विदेश मंत्रालय को ट्रंप की नीतियों से प्रभावित हुए देशों के लिए दोबारा वीजा प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद ओवल ऑफिस पहुंचे और पत्रकारों को बतौर राष्ट्रपति टिप्पणी देते हुए कहा, “आज काम शुरू करने का समय है।” उससे पहले सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, “हमें हमारे सामने मौजूद संकट से निपटना है, हमारे पास बर्बाद करने के लिए वक्त नहीं है।”

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बाइडेन ने पद संभालते ही जिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए उसमें सबसे महत्वपूर्व है- अमेरिका का दोबारा अंतरराष्ट्रीय पेरिस जलवायु समझौते मे शामिल होना। उन्होंने डॉनल्ड ट्रंप के कई फैसलों को मिनटों में पलट डाला।

जिन आदेशों पर राष्ट्रपति बाइडेन ने हस्ताक्षर किए उनमें मैक्सिको से लगी सीमा पर दीवार बनाने के फैसले और उसकी फंडिंग को रोकना शामिल है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए कुछ दूसरे फैसले भी लिए है, जिसके तहत सरकारी इमारतों में चेहरों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

अक्सर अपने दफ्तर और अन्य जगहों पर पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप बिना मास्क के ही नजर आते थे जिसको लेकर कई बार विवाद भी हुए। लेकिन बाइडेन ने अपने दफ्तर में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।

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उन्होंने एक और बड़ा फैसला लिया है। अमेरिका अब फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का सदस्य होगा। बीते दिनों ट्रंप प्रशासन में डब्ल्यूएचओ से अलग होने का फैलसा लिया था। पिछले साल जुलाई में बाइडेन ने कहा था कि अगर अमेरिका ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करेगा तो वह खुद भी सुरक्षित रहेगा। राष्ट्रपति बनने के पहले दिन ही अमेरिका की डब्ल्यूएचओ में वापसी कराऊंगा।

नस्लभेद पर भी बाइडेन ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है। इस आदेश तहत संघीय एजेंसियों को नस्लभेद को खत्म करने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं उन नीतियों की भी समीक्षा करने को कहा है जो प्रणालीगत नस्लवाद को मजबूत करती हैं। बाइडेन ने 2020 की जनगणना से संबंधित ट्रंप के दो आदेशों को रद्द कर दिया है।

अपने शपथ ग्रहण भाषण में बाइडेन ने कहा था, “अमेरिका में हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी। अमेरिका विभाजनकारी, धार्मिक भेदभाव, नस्लवाद को खारिज कर अपना एकजुट चेहरा पेश करेगा। धर्म, जाति, नस्ल,रंग की पहचान को अलग रखकर मैं हर अमेरिकी का राष्ट्रपति बनूंगा।”

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उधर, रिपब्लिकन पार्टी ने संकेत दिया है कि बाइडेन को उनके कुछ एजेंडे के लिए उग्र विरोध का सामना करना पड़े सकता है। बाइडेन की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है कि पहले दिन जो फैसले लिए गए हैं वे बस शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम अतिरिक्त कार्यकारी आदेशों का ऐलान करेंगे और चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करेंगे।

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