केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ आज शुक्रवार को किसानों ने ‘भारत बंद’ का अह्वान किया था जो सुबह के 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक चला। इस दौरान किसानों को सभी विपक्ष दलों का समर्थन मिला। लेकिन कुछ राज्यों में किसानों के खिलाफ पुलिस ने बल प्रयोग भी किया। खासकर बीजेपी शासित कर्नाटक और गुजरात में किसानों के खिलाफ बल प्रयोग किया गया।
गुजरात में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के महासचिव युद्धवीर सिंह को बीच प्रेस कांफ्रेस के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। वो अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे तभी पुलिस आई और मीडिया वालों के सामने की हाथ जबरन उठा ले गई।
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि युद्धवीर सिंह पत्रकारों से बातचीत कर रहे हैं। इसी दौरान गुजरात पुलिस के कर्मी वहां आते हैं और उन्हें खींचने लगते हैं। हालांकि, इस दौरान पुलिस की मौजूदगी पर युद्धवीर कहते हैं कि यह तानाशाही है और उसी का उदाहरण दिख रहा है।
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वे कहते हैं कि मीडिया से बात करना कोई गुनाह नहीं है। यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है कि कोई आदमी अपनी बात रख सकता है। उनकी गिरफ्तार को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, “किसान आंदोलन से घबराई गुजरात सरकार अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया किसान नेता युद्धवीर सिंह जी को गिरफ्तार।”
किसान आंदोलन से घबराई गुजरात सरकार अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया किसान नेता युद्धवीर सिंह जी को गिरफ़्तार ।#FarmersProtest_BharatBandh @CMOGuj @GujaratPolice pic.twitter.com/TZJrfEvDgw
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) March 26, 2021
युद्धवीर सिंह की गिरफ्तारी पर सामाजिक कार्यकर्ता और किसान आंदोलन में सक्रिय योगेंद्र यादव ने भी ट्वीट कर सरकार के इस कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने लिखा है, “ये है गुजरात मॉडल- आज अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच से बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह को गुजरात पुलिस खींच कर ले गई। राकेश टिकैत ठीक कहते हैं, गुजरात के किसान को मुक्त करवाना है।”
जिस गुजरात मॉडल का बखान करते थकती नहीं भाजपा,अपनी आंख से देखिए उस गुजरात मॉडल का सच।
— Swaraj Abhiyan (@swaraj_abhiyan) March 26, 2021
आज अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच से @OfficialBKU के महासचिव युद्धवीर सिंह को गुजरात पुलिस खींच कर ले गई। @RakeshTikaitBKU ठीक कहते हैं, गुजरात के किसान को मुक्त करवाना है!#FarmerProtest pic.twitter.com/Ec1KHnezUj
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इसी तरह का ट्वीट भारतीय किसान यूनियन की तरफ से भी किया गया है। उनकी तरफ से लिखा गया है, “यह है गुजरात मॉडल किसान नेता युद्धवीर सिंह को अहमदाबाद पुलिस द्वारा प्रेस के बीच ही गिरफ्तार कर लिया गया। किसान डरने वाले नही है। जोर-जुल्म की टक्कर से संघर्ष हमारा नारा है।”
यह है गुजरात मॉडल
— Bhartiya kisan Union (@OfficialBKU) March 26, 2021
किसान नेता युद्धवीर सिंह को अहमदाबाद पुलिस द्वारा प्रेस के बीच ही गिरफ्तार कर लिया गया।
किसान डरने वाले नही है।
जोर,जुल्म की टक्कर से संघर्ष हमारा नारा है।#FarmersProtest@PMOIndia @narendramodi @ANI @thewire_in @Kisanektamorcha @SaurabhBKU pic.twitter.com/S0Y5V4Hy4K
कर्नाटक की राजधानी बेंग्लुरु में कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वे टाउन हॉल के नजदीक प्रदर्शन कर रहे थे। हिरासत में जिन नेताओं को लिया गया उनमें संयुक्त किसान मोर्चा की कविता कुरुगांति भी शामिल हैं।
किसान नेताओं को इस तरह से हिरासत में लिए जाने की किसान मोर्चा के संयोजक डॉ. दर्शन पाल ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए विरोध की आवाजों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
पाल ने कहा, “यह नागरिकों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के संबंध में रेखांकित किया है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के युद्धवीर सिंह और संयुक्त किसान मोर्चा के एक अन्य मुख्य सदस्य को भावनगर में गिरफ्तार किया गया।”
उन्होंने आगे कहा, “कविता कुरुगांति, कोडिहाली चंद्रशेखर, बाया रेड्डी और अन्य ट्रेड यूनियन नेताओं को बेंग्लुरु में गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा कर्नाटक पुलिस ने गुलबर्ग में भी कई नेताओं को गिरफ्तार किया है।”
Punjab: Kisan Mazdoor Sangharsh committee members block Amritsar-Delhi railway track in Amritsar, during the 12 hour long ‘Bharat Bandh’ called by Samyukt Kisan Morcha pic.twitter.com/is8yrF5ZTR
— ANI (@ANI) March 26, 2021
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किसान मोर्चा के संयोजक ने बताया कि महिला पुलिस कर्मियों को बेंग्लुरु के टाउन हॉल इलाके में सादी वर्दी में तैनात किया गया जिन्हें कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्य दुस्साहसी तरीके से किसान आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं इससे उनकी हताशा जाहिर होती है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और देश के अन्य राज्यों में हजारों की संख्या में किसानों ने कृषि कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। ‘भारत बंद<का असर देश लगभग जगह देखा गया। किसान आंदोलन के चलते चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। रेल से बस तक सभी यातायात सुविधाएं प्रभावित रहीं।
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