भारत-पाकिस्तान दोस्ती के पीछे है ये मुस्लिम अरब देश, जानें कैसे हो रही बातचीत

भारत-पाकिस्तान दोस्ती के पीछे है ये मुस्लिम अरब देश, जानें कैसे हो रही बातचीत

पिछले दिनों जब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल के बीच दोस्ती हुई थी तब कहा गया कि जब अरबों और यहूदियों के बीच शांतिवार्ता हो सकती है तो दुनिया में किसी भी देश के बीच दोस्ती हो सकती है। अभी उस घटना के कुछ ही दिने बीते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती की बात होने लगी है।

पहले ऐसा माना जा रहा था कि दोनों के करीब लाने में अमेरिका या रूस का हाथ हो सकता है लेकिन यह आकलन गलत साबित हुआ है। दरअसल, दोनों देशों को करीब लाने के पीछे मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते महीने 26 फरवरी की बैठक में संयुक्त अरब अमीरात की आधिकारिक रिपोर्ट में विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के साथ बातचीत में कुछ संकेत दिए हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक उन्होंने “सामान्य हित के सभी क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की और विचारों को साझा किया।”

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रिपोर्ट में बताया गया है कि बंद दरवाजों के पीछे भारत और पाकिस्तान के संबंध को लेकर भी बातचीत हुआ। बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच पाकिस्तान की ओर से सीजफायर को लेकर यूएई की मध्यस्थता एक तरह से मील का पत्थर साबित हुई, जो महीनों पहले शुरू हुई थी। अधिकारियों ने दावा किया कि संघर्ष विराम दोनों परमाणु हथियारों से युक्त पड़ोसियों के बीच स्थायी शांति के रोडमैप की एक शुरूआत है।

भारत-पाकिस्तान दोस्ती के पीछे है ये मुस्लिम अरब देश, जानें कैसे हो रही बातचीत

अमेरिका के तरफ से भी इससे पहले कई बार दोनों देशों के बीच दोस्ती को लेकर बयान आते रहे हैं। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जम्मू-कश्मीर सीमा विवाद मामले पर मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, भारत के तरफ से इसे आंतरिक मामला बताते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

माना जा रहा है कि हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत की यात्रा भी इसके पीछे एक वजह हो सकती है। डिप्लोमैट्स का मानना है कि पाकिस्तान के बदले रवैये की एक बड़ी वजह पाकिस्तान की आर्थिक तंगी भी हो सकती है। लेकिन, भारत और पाकिस्तान की दोस्ती को लेकर यूएई क्यों आगे आ रहा है। इसके अलावा भारत के साथ भी व्यापारिक संबंधी काफी मजबूत हो रहे हैं। और भारत उसके लिए पोस्ट ऑयल इकोनॉमी में एक बड़ा बाजार भी साबित हो सकता है।

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ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई इस बात पर नजर बनाए हुए है कि भारत और पाकिस्तान इस संबंध में अगला कदम क्या उठाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है ति इस प्रक्रिया के अगले चरण में नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजदूतों के बहाल करने वाले कदम का भी प्रस्ताव रखा गया है। लेकिन, सवाल उठता है कि क्या भारत और पाकिस्तान, दोनों इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।

देखा जाए तो यूएई अपने हार्ड पावर और सॉफ्ट पॉवर दोनों के लिए जाना जाता है। इसका शुरू से ही भारत और पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापारिक और राजनयिक रिश्ते ठीक रहे हैं। एशिया में यूएई लगातार राजनीतिक और वैश्विक व्यापार में संबंध बनाने में लगा हुआ हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखकर पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की बधाई दी थी और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध की कामना की थी।

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भारत-पाकिस्तान दोस्ती के पीछे है ये मुस्लिम अरब देश, जानें कैसे हो रही बातचीत

मोदी ने लिखा था कि एक पड़ोसी देश के तौर पर भारत पाकिस्तान के लोगों के साथ खुशगवार रिश्ते चाहता है। उन्होंने लिखा कि ऐसा संभव बनाने के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त और विश्वास और भरोसे से भरे माहौल की जरूरत है।

इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी ने अपने पत्र में अपने कुछ विचारों का उल्लेख किया था। वहीं भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के नाम लिखे पत्र में पाकिस्तान दिवस की मुबारकबाद पेश की थी।

दोनों देशों के मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरल (डीजीएमओ) ने बीते महीने एक साझा बयान जारी कर अचानक नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम की घोषणा की थी। तब से सीमा पर खामोशी है और दोनों तरफ से संघर्षविराम का पूर्ण पालन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच जल्द क्रिकेट सीरिज की शुरूआत हो सकती है। ऐसी उम्मीद है कि दोनों देशों के दरम्यान तीन टी 20 मैचों के लिए छह दिनों की विंडो निकाली जा सकती है।

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