नानी के साथ 7 KM चली अंजलि, रास्ते में 9 घंटे तक नहीं मिला पानी, गिरकर मौत

नानी के साथ 7 KM चली अंजलि, रास्ते में 9 घंटे तक नहीं मिला पानी, गिरकर मौत

दक्षिण अफ्रीका में भूख और प्यास के मौत आम बात है लेकिन आज के दौर में अगर ऐसा भारत में हो तो विश्वास नहीं होता। भले ये आपको अकल्पनीय और अविश्वसनीय लगे पर भारत के कई इलाके हैं जहां तथाकथित विकास अब भी नहीं पहुंच पाया है। यह ह्रदयविदारक घटना राजस्थान के जालोर जिले के रानीवाड़ा थाना क्षेत्र की है। जहां एक वृद्धा अपनी 5 साल की नातिन (दोहिती) के साथ पैदल ही अपने रिश्तेदार के घर जाने के लिए निकली। दोनों ने तकरीबन 12 किलोमीटर का सफर तय किया। लेकिन तेज गर्मी और सूनसान कच्चे रास्ते में पानी नहीं मिलने दोनों बेसुध होकर गिर पड़े। इस दौरान 5 साल की मासूम बच्ची की तड़प-तड़प कर मौत हो गई।

इस दौरान वृद्धा बेहोश और निढाल वहीं पड़ी रही। जब एक युवक उधर से गुजरा तो उसने तपती रेत में वृद्धा और नातिन अंजलि को निढाल पड़ा देखा। उसने सरपंच को फोन किया जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। और किसी तरह वृद्धा को होश में लाया गया। इसके उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सिरोही के रायपुर से चली नानी के साथ यह बच्ची ने 9 घंटे के सफर में सात किलोमीटर का रास्ता तय किया। इसी दौरान दोनों को प्यास लगी लेकिन वीरान रेगिस्तान में न पानी मिला और न ही छांव। पानी की कमी ने मासूम को ज्यादा देर जिन्दा नहीं रहने दिया।

नानी के साथ 7 KM चली अंजलि, रास्ते में 9 घंटे तक नहीं मिला पानी, गिरकर मौत

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खबरों के अनुसार, वृद्धा का नाम सुखी देवी है। वह रानीवाड़ा तहसील अंतर्गत डूंगरी निवासी की रहने वाली हैं। उनका सिरोही जिले के मंडार के निकट रायपुर में पीहर है। बताया जाता है कि सुखी देवी अपनी नातिन के साथ पीहर गई थी। रविवार 6 जून को सुबह मौसम ठंडा देखकर वह अपनी नातिन के साथ वापस बहन के पास जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ीं। चलते-चलते जब 10 से 12 किलोमीटर की दूरी तय हो गई तो दोपहर हो आया। गर्मी तेज हो गई। दोनों पानी लेकर नहीं चली थी। इसी दौरान दोनों डिहाइड्रेशन की शिकार हो गईं और बेहोश होकर गिर पड़ीं।

काफी देर बाद वहां उधर से गुजर रहे एक चरवाहे ने महिला को देखा तो सूरजवाड़ा सरपंच कृष्णकुमार पुरोहित को फोन किया। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बच्ची ने दम तोड़ दिया था। पुलिस ने वहां पहुंचकर सबसे पहले महिला को पानी पिलाया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। आपबीती बताते हुए सुखी देवी ने कहा, “तेज गर्मी के कारण दोनों बेहोश होकर गिर गए थे। उसे कुछ नहीं सूझ रहा था, लेकिन काफी देर बाद आसमान हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई, जिससे उसे कुछ राहत मिल गई और उसकी जान बच गई, लेकिन तब तक उसकी नातिन की मौत हो चुकी थी।

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वहीं, रानीवाड़ा के उप-खण्ड अधिकारी प्रकाशचन्द्र अग्रवाल ने बताया, “वृद्ध महिला मानसिक रूप हल्की-सी असहज है। नातिन के साथ पीहर गई थी, वापस सुबह मौसम ठंडा देखा तो पैदल रवाना हो गई, उनके पास पानी की बोत नहीं थी। दिन में तेज गर्मी व उमस से डिहाइड्रेशन होने से बच्ची की मौत हो गई। हल्की बूंदाबांदी होने से वृद्धा की जान बची है।”

बताया जाता है कि उसकी माँ चार महीने पहले अंजली को अपनी विधवा माँ के पास छोड़ गई थी। उसने नाता विवाह कर लिया है। दो बड़े भाई पहले वाले पिता के पास रानीवाड़ा खुर्द में रहते हैं। अंजली तभी से नानी के पास ही रहती है। नानी सुखी देवी भी अपने पीहर रायपुर (सिरोही) में रहती हैं। ससुराल डूंगरी (जालोर) में कभी-कभी देखरेख के लिए आती है। 15 दिन पहले भी डूंगरी आई थीं।


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