आक्रोशित डॉक्टर सड़क पर उतरे, हिरासत और बदसलूकी की राहुल गांधी ने की आलोचना

आक्रोशित डॉक्टर सड़क पर उतरे, हिरासत और बदसलूकी की राहुल गांधी ने की आलोचना

नीट-पीजी काउंसलिंग में हो देरी को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार शाम को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के घर के तरफ कूच किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रास्ते में रोक दिया। डॉक्टरों ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके साथ मारपीट की और महिला डॉक्टरों से बदसलूकी की।

घटना के बाद नाराज करीब चार हजार डॉक्टरों ने दिल्ली के सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए और पुलिसकर्मियों की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान डॉक्टर लगातार नारेबाजी करते रहे। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के घर का घेराव करने जा रहे डॉक्टरों को रोककर सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में हिरासत में काफी देर तक रखा गया था।

इन डॉक्टरों ने इससे पहले सोमवार को सांकेतिक तौर पर अपने लैब कोट लौटा दिए और सड़कों पर मार्च निकाला। डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहने से केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीजों के इलाज पर असर पड़ा है।

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आक्रोशित डॉक्टर सड़क पर उतरे, हिरासत और बदसलूकी की राहुल गांधी ने की आलोचना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी अलोचना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “फूल बरसाना दिखावे का पीआर (जनसंपर्क) था, असलियत में अन्याय बरसा रहे हैं। केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ मैं कोरोना योद्धाओं के साथ हूं।”

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है कि पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाए। डॉक्टरों को झूठा पीआर (जनसंपर्क) नहीं, सम्मान व हक चाहिए।

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पिछले कई दिनों से फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन विरोध-प्रदर्शन कर रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा है कि बड़ी संख्या में प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को विरोध स्वरूप प्रतीकात्मक तौर पर अपना एप्रेन वापस कर दिया।

आक्रोशित डॉक्टर सड़क पर उतरे, हिरासत और बदसलूकी की राहुल गांधी ने की आलोचना

उन्होंने आगे कहा कि हमने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज परिसर से सुप्रीम कोर्ट तक जुलूस निकालने की भी कोशिश की, लेकिन जैसे ही हमने शुरू किया, पुलिसकर्मियों ने हमें आगे बढ़ने से रोक दिया। मनीष कुमार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कई डॉक्टरों को हिरासत में लिया और उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया जिससे कुछ डॉक्टर घायल हो गए। विरोध प्रदर्शन के दौरान डॉक्टरों की नारेबाजी और हंगामे के कारण वहां थोड़ी देर ट्रैफिक भी बाधित रहा।


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