उत्तराखंड के हरिद्वार में तथाकथित धर्म संसद में नफरती नारे के बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हरिद्वार में जहां मुसलमानों के खिलाफ नारे लगाए गए थे, वहीं रायपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। उन्हें गालियां दी गईं और गोड्से का महिमामंडन किया गया।
यह सब कुछ तथाकथित धर्मगुरु कालीचरण ने किया। सोशल मीडिया पर कालीचरण का वीडियो वायरल होने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कालीचरण के बयानों के लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने लिखा है, “सतय, अहिंसा को झूठे और हिंसक कभी हरा नहीं सकते, बापू हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं।”
सतय , अहिंसा को झूठे और हिंसक कभी हरा नही सकते, बापू हम शरमिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं । https://t.co/D5TPlAGKnq
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) December 26, 2021
कांग्रेस समेत दूसरे दलों के नेताओं ने भी कालीचरण के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, रविवार को आयोजित धर्म संसद में धर्मगुरु कालीचरण ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की सराहना की और कहा कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए सरकार के प्रमुख के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता का चुनाव करना चाहिए।
कालीचरण ने कहा कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए एक कट्टर हिंदू नेता को सरकार का मुखिया चुनना चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार में कांग्रेस के नेताओं की भी आलोचना की। बता दें कि इस हिंदू धर्म संसद का आयोजन रायपुर के रावण भाटा मैदान में आयोजित किया गया था।
कालीचरण ने कहा, “हमारा मुख्य कर्तव्य क्या है- धर्म की रक्षा करना। हमें सरकार में एक कट्टर हिंदू राजा (नेता) का चुनाव करना चाहिए, भले ही कोई भी हो। हमारे घरों की महिलाएं बहुत अच्छी और सभ्य हैं और वे मतदान के लिए नहीं जाती हैं। जब सामूहिक दुष्कर्म होंगे तो आपके घर की महिलाओं का क्या होगा। महामूर्खों… मैं उन लोगों को बुला रहा हूं जो वोट देने के लिए बाहर नहीं जाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है। हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया था। उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया था। मैं नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने गांधी की हत्या कर दी…।” इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपिता के बारे में गालियां दी जिस पर वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया।
कालीचरण यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, “पुलिस हमें बताती है कि मुस्लिम बहुल इलाकों से भगवा जुलूस न निकालें। यह पुलिस की गलती नहीं है। पुलिस प्रशासन की गुलाम है जो सरकार की गुलाम है। सरकार नेता की गुलाम है। इसलिए, जब तक कोई कट्टर हिंदू नेता मुख्यमंत्री नहीं होगा तब तक पुलिस समर्थन नहीं करेगी।”
अब छत्तीसगढ़ में धर्म संसद,
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) December 26, 2021
महाराष्ट्र से आये संत कालीचरण ने महात्मा गाँधी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया एवं गोडसे को नमस्कार किया… pic.twitter.com/Ep7ZGOeoWk
हालांकि, कालीचरण के बातों का मंच से विरोध भी हुआ। दूधाधारी मठ के महंत संत रामसुन्दर दास जी ने मंच पर महात्मा गांधी जी को अपमानजनक शब्द कहने की आलोचना कर खुद को मंच से खुद को अलग कर लिया। छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा कि देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने वाले राष्ट्रपिता के खिलाफ इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने मंच पर कहा कि जिस उद्देश्य के साथ यह आयोजन किया गया था, वह अपने रास्ते से भटक गया है। आजादी के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने वाले महात्मा गांधी को देशद्रोही बताया जा रहा है। मैं आयोजक से पूछना चाहता था कि उन्होंने इस पर आपत्ति क्यों नहीं उठाई। राष्ट्रपिता के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
ऐसे साहसी साधु को साधुवाद, जिन्होंने रायपुर धर्म-संसद में गांधीजी को गाली देने का प्रतिकार करते हुए आयोजन को ही त्याग दिया। जबकि वे आयोजन के मुख्य संरक्षक थे। काश हरिद्वार में भी किसी ने साधु-महंत ने ऐसा मुखर प्रतिरोध ज़ाहिर किया होता। https://t.co/seLZG8ygJb
— Om Thanvi (@omthanvi) December 26, 2021
इसके बाद कालीचरण की टिप्पणी के बारे में आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बयान से पूरी तरह असहमत हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कालीचरण को पहले यह साबित करना चाहिए कि वह संत है।
हालांकि, ये सब कुछ कांग्रेस शासित राज्य में हुआ जिसके नेता अभी इसकी आलोचना कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि हरिद्वार में आयोजित धर्म में जो कुछ हुआ उसके बाद भी ऐसी सभाओं के आयोजन की इज्जात कैसे मिली। वह भी कांग्रेस शासित राज्य में।
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने तल्ख शब्दों का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया है, “यह भगवाधारी फ्रॉड राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सरेआम गालियां दे रहा है, इसे तत्काल अंदर करना चाहिए। गांधीजी से किसी को वैचारिक मतभेद हो सकता है, पर उनका अपमान करने का हक किसी को नहीं है। यह अक्षम्य अपराध है।”
संत रामसुंदर दास जी को नमन।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) December 27, 2021
महात्मा गाँधी का सम्मान देश का सम्मान है।pic.twitter.com/71Ff57buHk
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा है, “ये कौन है जो हमारे राष्ट्रपिता को गाली दे रहा है? मोदी जी कुछ करेंगे या इनको भी सिर्फ ‘दिल से माफ नही कर पाएंगे।”
ये कौन है जो हमारे राष्ट्रपिता को गाली दे रहा है?
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 26, 2021
मोदी जी कुछ करेंगे या इनको भी सिर्फ़ “दिल से माफ़ नही कर पाएँगे” pic.twitter.com/OE853sS5wF
बताया जा रहा है कि बापू के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने के लिए कालीचरण के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। छत्तीसगढ़ में ही टिकरापारा क्षेत्र में अपराध क्रमांक 578/2021 धारा 505(2), 294 IPC के तहत मामल गया । कालीचरण के खिलाफ रायपुर के पूर्व महापौर और वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे ने शिकायत दर्ज कराई थी।
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