कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंदू बनाम हिंदुत्व में अंतर बताने में जुटे हुए हैं। वे आरएसएस के हिंदुत्व को हिंदुओं का दुश्मन बताते आ रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस के कुछ नेता संघ की ओर से बैटिंग कर रहे हैं और राहुल गांधी के राजनीतिक विमर्श की जड़ों में मट्ठा डाल रहे हैं।
ताजा उदाहरण है उत्तराखंड के रायपुर में आयोजित धर्म संसद। जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली दिया गया बल्कि उनके हत्यारे गोड्से का महिमामंडन किया गया। बताया जा रहा है कि धर्म संसद की आयोजन समिति में कांग्रेस के कुछ नेता शामिल थे।
इतना ही नहीं इस दो दिवसीय धर्म संसद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे थे लेकिन वे अचानक कार्यक्रम से उठकर चले गए। इसके अलावा, कार्यक्रम में कांग्रेस के कई विधायक और नेता न केवल मौजूद थे, बल्कि मुख्य आयोजक थे।

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कांग्रेस पार्टी के वर्तमान विधायक सत्यनारायण शर्मा और विकास उपाध्याय कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक थे। एक पूर्व विधायक बाबा राम सुंदर दास भी मुख्य आयोजनकर्ताओं में शामिल थे। ये वही विकास उपाध्याय हैं जिन्हें राहुल गांधी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा था।
कांग्रेस के पूर्व मेयर और वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे भी आयोजन समिति में शामिल थे। इसके अलावा भाजपा के एक विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ नेता भी आयोजन समिति में थे।
अब छत्तीसगढ़ में धर्म संसद,
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) December 26, 2021
महाराष्ट्र से आये संत कालीचरण ने महात्मा गाँधी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया एवं गोडसे को नमस्कार किया… pic.twitter.com/Ep7ZGOeoWk
बताया जाता है कि एक वरिष्ठ भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने के कहने पर ही विवादित बयान देने वाले कालीचरण महाराज को धर्म संसद में लाया गया था, जिसके कांग्रेस के इन नेताओं से मधुर संबंध हैं। कालीचरण ने न सिर्फ महात्मा गांधी को सबसे सामने गाली दी बल्कि कांग्रेस को भी बुरा-भला कहा।
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कार्यक्रम में मौजूद लोगों का कहना है कि धर्म संसद में जिस वक्त अकोला के कथित संत कालीचरण के द्वारा बापू को भद्दी-भाद्दी गाली दी जा रही थी उस समय भी कांग्रेस के ये सभी नेता वहां मौजूद थे। ये सभी नेता वहां युवा कांग्रेस के कुछ लड़कों के साथ बैठे हुए थे।
इनकी तारीफ़ करने से पहले एक बार ये थ्रेड ज़रूर पढ़ें।
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 27, 2021
1. रायपुर के #नरसंहारी_सम्मेलन में कालीचरण ने गांधी जी को गाली दी और गोडसे की तारीफ़ की। इस बात पर आपत्ति जताते हुए राम सुंदर रूठ कर सम्मेलन से चले गए।https://t.co/34EbFynoYz
आश्चर्य की बात है कि जब ये सब कुछ हो रहा था कांग्रेस के नेताओं ने मानो अपने पर होंठ सी रख लिए हों। किसी ने भी उठकर तत्काल प्रतिवाद नहीं किया, सबके चेहरे पर मुर्दनी रही। हालांकि, स्थानीय दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने धर्म संसद छोड़ने की बात कही, पर उन्होंने भी तत्काल कालीचरण को बोलने से उसी वक्त न रोका।
Kudos to Mahant Ram Sundar. He has set an example for all Hindus to publicly condemn Hindutvawadi terrorists.
— Srivatsa (@srivatsayb) December 26, 2021
Mahant Ram Sundar is a Hindu Swami walking on the path of truth.
Yati Narsinghanand is a Hindutvawadi terrorist who should be in jail.pic.twitter.com/LIxNyWgiF5
उल्लेखनीय है कि रामसुंदर दास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वो गांधीजी के अपमान के विरोध में धर्म संसद छोड़ने की बात कह रहे हैं। कार्यक्रम में जो कांग्रेस के विधायक मौजूद थे उनमें से एक सत्यनारायण शर्मा भी हैं। सत्यनारायण अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए दिन रात परिश्रम कर रहे हैं।
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सत्यनारायण के एक पुत्र पंकज शर्मा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष हैं। दूसरे विधायक विकास उपाध्याय कर्म से पूरे भाजपाई हैं। जब रामजन्म भूमि का शिलान्यास हुआ तब उन्होंने पूरे शहर में दिए जलवाए थे। छत्तीसगढ़ कांग्रेस भूपेश बघेल, रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर के नाम से जानी जाती है जिन्होंने कभी भी धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया।
अब सवाल खड़ा होता है कि यह जो भाजपा के एजेंडे पर काम करने वाले नेता हैं उनसे छत्तीसगढ़ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कैसे निपटेगा? सवाल ये भी उठता है कि हरिद्वार संसद में जिस तरह से अल्पसंख्यकों के हेट स्पीच का इस्तेमाल किया गया उसको देखते हुए भी ऐसे कार्यक्रम की अनुमति कांग्रेस प्रदेश में कैसे मिली। धर्म संसद की आयोजन समिति का पूरा विवरण नीचे दिया जा रहा है।
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