रूस लौटते ही गिरफ्तार किए गए अलेक्सी नावाल्नी, कुछ दिन पहले दिया गया था जहर

रूस लौटते ही गिरफ्तार किए गए अलेक्सी नावाल्नी, कुछ दिन पहले दिया गया था जहर

रूस लौटते ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक अलेक्सी नावाल्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वैश्विक नेताओं ने उनकी गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में आलोचना की है। नावाल्नी की गिरफ्तारी को विरोधियों को अमेरिका ने चुप कराने वाला कदम बताया। विपक्षी नेता नावाल्नी को मॉस्को एयरपोर्ट पर उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वो कई महीनों बाद अपना इलाज कराकर जर्मनी से लौटे।

नावाल्नी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कटु आलोचक माना जाता है। नावाल्नी की पिछले साल 20 अगस्त को उनकी विमान यात्रा के दौरान तबियत बिगड़ गई थी जिसके चलते विमान की आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी। आगे चलकर ये बात सामने आया था कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बाद उनका इलाज जर्मनी में चल रहा था। पश्चिमी देशों ने नावाल्नी के साथ हुई घटना के बाद इसकी कड़े शब्दों में आलोचना की थी। नावाल्नी का कहना था पुतिन ने उन्हें नर्व एजेंट देने का आदेश दिया था।

अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों, कनाडा की सरकार और अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक वरिष्ठ सहयोगी समेत कई विश्व नेताओं ने नावाल्नी की तत्काल रिहाई का आग्रह किया है। इसके अलावा अधिकार समूहों ने भी उनकी रिहाई की मांग की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आरोप लगाया है कि नावाल्नी को रूसी सरकार चुप कराने के लिए ‘अथक अभियान’ चला रही है।

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गिरफ्तारी ‘गंभीर चिंता’ का विषय

ट्विटर पर यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने लिखा है, “नावाल्नी की गिरफ्तारी ‘अस्वीकार्य’ है।” वहीं फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि नावाल्नी की गिरफ्तारी ‘गंभीर चिंता’ का विषय है। जबकि बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने कहा, “नावाल्नी को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और उनपर हमले के अपराधियों को पकड़कर सजा दी जानी चाहिए।”

नावाल्नी के गिरफ्तारी की अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ ने कड़े शब्दों में निंदा की। पोम्पेओ ने गिरफ्तारी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, “रूसी सरकार की आलोचना करने वाली आवाजों को दबाने का यह ताजा प्रयास है।” वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखरोवा ने इस पर पलटवार करते हुए अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “विदेशी नेता अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करें और अपने देश की समस्याओं से निपटें।”

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न्यूज एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “44 साल के नावाल्नी जब बर्लिन की फ्लाइट से मॉस्को पहुंचे तो उनका सामना पासपोर्ट कंट्रोल के पास वर्दी वाले पुलिसकर्मियों से हुआ। उन्होंने अपनी पत्नी युलिया को गले लगाया, जो जर्मनी से उनके साथ यात्रा कर आई थीं। वहां से पुलिस नावाल्नी को लेकर चली गई।”

नावाल्नी के समर्थकों का कहना है कि उन्हें एयरपोर्ट के नजदीक एक पुलिस स्टेशन में रखा गया। वहीं नावाल्नी की वकील ओल्गा मिखाइलोवा ने बताया कि उन्हें बिना कोई कारण हिरासत में लिया गया और उन्हें साथ जाने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “अभी जो भी हो रहा है वह कानून के खिलाफ हो रहा है।”

क्रेमलिन के आलोचक

अपने एक बयान में रूस की एफएसआईएन जेल सेवा ने कहा है कि उसने नावाल्नी को 2014 के धोखाधड़ी के निलंबति जेल की सजा के उल्लंघन के मामले में हिरासत में लिया है और कोर्ट का फैसला आने तक उन्हें हिरासत में रखा जाएगा। धोखाधड़ी के एक मामले में नावाल्नी दोषी हैं।

एफएसआईएन जेल सेवा ने पहले कहा था कि नावाल्नी अगर शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जेल सेवा ने उन्हें कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करने को कहा था। शेरमेटयेवो एयरपोर्ट पर हिरासत में लिए जाने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए नावाल्नी ने कहा था कि गिरफ्तारी से उन्हें डर नहीं लगता। उन्होंने कहा, “मुझे खौफ नहीं है…क्योंकि मुझे पता है कि मैं सही हूं, मुझे पता है कि मेरे खिलाफ आपराधिक मामले गढ़े गए हैं।”

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आखिरी समय में नावाल्नी के विमान को मॉस्को के वुनकोव एयरपोर्ट से शेरमेटयेवो एयरपोर्ट के लिए मोड़ दिया गया। अपने समर्थकों को नावाल्नी ने वुनकोव एयरपोर्ट पर जुटने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि प्रशासन के इस फैसले के पीछे पत्रकारों और नावाल्नी के समर्थकों को मिलने से रोकना था।

नावाल्नी का इलाज बर्लिन के शारिटे अस्पताल में नोविचोक नाम के नर्व एजेंट (जहर) के लिए चल रहा था। उन्होंने क्रेमलिन को जहर देने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, पुतिन सरकार नावाल्नी को जहर दिए जाने के आरोपों से इनकार करता आया है, इसके बजाय वह पश्चिमी समर्थित साजिश के आरोपों को दोहराता आया है और हमले की जांच करने से इनकार कर चुका है।

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