पेरिस: फ्रांस की एक अदालत ने साल 2015 में व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्डो के दफ्तर पर हुए में शामिल लोगों की मदद करने के आरोप में 14 लोगों को दोषी ठहराया है। हालांकि, दोषी ठहराए गए अधिकांश ने कोर्ट में कहा कि वे आतंकवादी इरादे के बारे में नहीं जानते थे और सिर्फ कम गंभीर अपराध में मदद करने की कोशिश में थे।
<=🔴 BREAKING – Paris court sentences key accomplices of 2015 Charlie Hebdo and Hyper Cacher attacks to 30 years’ jail, clears six of terror charges https://t.co/VPQdE6vUBM pic.twitter.com/5cOQ2rd7Il
— RFI English (@RFI_En) December 16, 2020
बुधवार 16 दिसंबर को पेरिस की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान 11 अभियुक्त मौजूद थे। वहीं तीन अभियुक्तों की गैर-मौजूदगी में उनकी सुनवाई हुई। हमले के बाद ये तीनों सीरिया भाग गए थे। इसमें हयात बौमेदीन का नाम भी शामिल हैं, जिसके पार्टनर अमेदी कुलबेली ने सुपरमार्केट में हमला किया था और चार लोगों की हत्या कर दी थी।
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हालांकि, पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह बाद में मारा गया था। अदालत ने बौमेदीन को 30 साल की साल की सजा सुनाई है। आरोपियों को लंबी जांच के बाद दोषी माना गया है। बाकी के शेष 11 आरोपियों ने जान-पहचान वाले लोगों और जेल के परिचितों के एक समूह का गठन किया। उन्हें छोटे-मोटे अपराध को अंजाम देने के लिए सहयोग करने को कहा गया था, जैसे- हथियारबंद डकैती वगैरह।
Imam Hassen Chalghoumi : “Je suis une cible” https://t.co/Ed4FlcNBJP pic.twitter.com/9pDLYlKUca
— Paris Match (@ParisMatch) December 10, 2020
अदालत ने एक अली रजा पोलाट नाम के एक और आरोपी को दोषी ठहराया है जिसे सुपरमार्केट पर हमला करने वाले अमेदी कुलबेली के लेफ्टिनेंट के तौर पर बताया जाता है। पोलाट को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। हमले के पहले कई अभियुक्त कुलबेली से कॉल या मैसेज के जरिए जुड़े हुए थे।
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7 जनवरी, 2015 को फ्रांस के सबसे मशहूर कार्टूनिस्टों समेत 17 लोगों की दो आतंकी हमले में जान चली गई थी। पेरिस में पत्रिका के दफ्तर में घुस कर दो भाइयों साएद और शेरिफ कुआशी ने अंधाधुंध गोलीबारी की था। एक यहूदी सुपरमार्केट को भी हमले के दौरान निशाना बनाया गया था। एक महिला पुलिसकर्मी की भी कुलबेली ने हत्याकर कर दी थी। यहूदी सामुदायिक केंद्र पर कुलबेली हमला करने में विफल रहा था।
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