नई दिल्ली: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से बुधवार शाम को इस्तीफा दे दिया है।
शुभेंदु अधिकारी ने आज बंगाल विधानसभा पहुंचकर स्पीकर के न होने पर सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंपा। बीते कई दिनों से ममता बनर्जी के साथ उनके मतभेद की खबरें आई थीं। माना जा रहा है कि अब शुभेंदु अधिकारी बीजेपी का दामन थामेंगे।
बीजेपी के उपाध्यक्ष मुकुल राय ने अधिकारी के इस्तीफे पर कहा, “जिस दिन उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, मैंने कहा था कि अगर वह टीएमसी छोड़ देते हैं तो मुझे खुशी होगी और हम उनका स्वागत करेंगे। आज उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और मैं उनके निर्णय का स्वागत करता हूं।”
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मुकुल राय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ताश के पत्तों के घर की तरह ढह रही है। रोज उनकी पार्टी से कोई नेता हमारी पार्टी में शामिल होने आ जाता है। शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा टीएमसी के लिए एक बड़ा झटका इसलिए है क्योंकि वह पार्टी के ऐसे नेताओं में से हैं, जिनकी जिनकी जमीनी स्तर पर पकड़ खासी मजबूत है।
साल 2007 के गैर-जमीन अधिग्रहण प्रदर्शनों में (जिनकी वजह से 2011 में लेफ्ट की सरकार गिरी थी) अधिकारी ने सीपीआई (एम) के गढ़ जगमहल इलाके पर कब्जे, और मालदा और मुर्शिदाबाद में टीएमसी की मौजूदगी बढ़ाने में महत्वपूर्ण अहम भूमिका निभाई थी।
कहा जाता है कि अभिषेक बनर्जी से अधिकारी की नहीं जमती थी। नंदीग्राम की एक हालिया रैली में अधिकारी ने अभिषेक बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा था, “मैं यहां पैराशूट या एलीवेटर से नहीं पहुंचा हूं। मैं यहां एक-एक सीढ़ी चढ़कर आया हूं।”
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बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा के तरफ से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए बाध्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए पार्टी का साथ छोड़ने वालों को अवसरवादी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस में फूट डालने के लिए भाजपा धन के थैलों का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा, ”भाजपा नेताओं का साहस देखिए कि वे हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी को भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए कहते हैं। भाजपा राजनीतिक शिष्टाचार नहीं जानती, उसकी कोई विचारधारा नहीं है। (तृणमूल कांग्रेस में) एक-दो अवसरवादी हैं जो उनके फायदे के लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ”पार्टी से लंबे समय से जुड़े नेता ही हमारे लिए असली खजाना हैं। भाजपा, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अपने पाले में शामिल कराने के लिए बाध्य कर रही है। वे विपक्षी दलों को तोड़ने के लिए धन के थैलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, हम लड़ेंगे और विधानसभा चुनाव में उन्हें हराएंगे।” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह बयान ऐसे समय आया है जब तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असंतोष प्रकट कर चुके हैं।
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