क्यों होता है पैरों में जलन? जानें लक्षण, कारण और इलाज के उपाए

क्यों होता है पैरों में जलन? जानें लक्षण, कारण और इलाज के उपाए

पैरों में दर्द या फिर जलन होना आम समस्या है। ये समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। पैरों में जलन कभी-कभी इतनी अधिक हो जाती है कि बर्दास्त नहीं होता। ऐसे तो यह समस्या तंत्रिका तंत्र में किसी तरह की कमी या रोग के कारण होता है। या फिर शुगर के मरीज और शराब का अधिक उपयोग या कुछ विषैले पदार्थों के उपयोग के कारण भी होता है। इसके अलावा विटामिन B, फोलिक एसिड, थाइमिन या कैल्शियम की कमी होने पर होता है। या फिर क्रोनिक किडनी रोग से भी पैरों में जलन होती है।

पैरों में जलन के लक्षण

  • पैरों में जलन की समस्या है इसके जानने के मुख्य लक्षण हैं:
  • पैरों में लालिमा या फिर सूजन
  • अधिक पसीना आना
  • पैरों में बहुत अधिक दर्द
  • त्वचा में पीलापन और शारीरिक तापमान का अधिक होना।
क्यों होता है पैरों में जलन? जानें लक्षण, कारण और इलाज के उपाए

पैरों में जलन के कारण

अकसर पैरों में तंत्रिका तंत्र में कुछ समस्या होने पर जलन महसूस होती है। कहने का तात्पर्य यह है कि क्षतिग्रस्त तंत्रिका तंत्र या तो अधिक सक्रिय हो जाते हैं या फिर बिल्कुल काम नहीं करते। जिसके कारण पैरों में जलन होने शुरू हो जाते हैं। कभी-कभी तो तंत्रिका तंत्र में कमी होने पर पहले पैरों की नसें क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। जिसके परिणामस्वरूप पैरों में झनझनाहट और सुन्न होने का अनुभव होता है।

इसके अन्य वजह

  1. क्रोनिक किडनी डिजीज।
  2. एचआईवी, एड्स।
  3. विटामिन बी की कमी के कारण।
  4. शराब का अत्यधिक सेवन।
  5. थायराइड हार्मोन का घटा हुआ स्तर।
  6. लाइम डिजीज के कारण (यह बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है जिसमें अन्य बीमारियों के सामान ही लक्षण प्रदर्शित होते हैं।)
  7. एमाइलॉइड पॉलीन्यूरोपैथी के कारण ( एमाइलॉइड प्रोटीन के जमा होने के कारण पेरीफेरल तंत्रिकाओं (Peripheral nerves) में होने वाला रोग)
  8. अधिक दवाओं के सेवन करने से जैसे कीमोथेरपी ड्रग्स, विटामिन B6 ओवरडोज, एचआईवी दवाओं आदि के कारण।
  9. सारकॉइडोसिस के कारण (यह कोशिकाओं में सूजन के कारण उत्पन्न होने वाला रोग है)
  10. गुलियन बेरी सिड्रोंम (जीबीएस) इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय (Peripheral) तंत्रिका तंत्र के कुछ हिस्सों पर हमला करती है। जिसके कारण पैरों में जलन होती है।
  11. क्रोनिक इंफ्लेमेटरी डिमाइलिनेटिंग पॉलीन्यूरोपैथी (सीआईडीपी) ।

न्यूरोपैथी के अलावा, संक्रमण के कारण भी पैरों में सूजन या फिर जलन हो सकती है। ऐसे मामले ज्यादातर एथलीट में अधिक देखने को मिलती है जिनमें त्वचा में फंगस के कारण संक्रमण होता है।
पेरीफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) भी पैरों में जलन का कारण हो सकती है। क्योंकि इसमें पैरों में रक्त संचरण कम हो पाता है जिसके कारण पैर दर्द, सूजन और जलन होती है। गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के कुछ समय बाद भी, कुछ लोगों को जलन महसूस होती है। क्योंकि गैस्ट्रिक बाईपास के बाद विटामिन B के अवशोषण में कमी पैरों में न्यूरोपैथी का कारण बन सकती है।

पैरों में जलन का इलाज

डायबेटिक (शुगर) न्यूरोपैथी वाले लोगों के लिए शुगर को कंट्रोल रखना ही इसका इलाज है। इसमें आम तौर पर खान पान में परिवर्तन, और डॉक्टर की सलाह से दवाओं का सेवन और इंसुलिन ले।

  • अतिरिक्त विटामिन बी 12 का सेवन या इंजेक्शन लेने से इस पोषक तत्व की कमी दूर हो सकती है। लेकिन जब भी दवा लें हमेशा डॉक्टर के परामर्श से ही लें।
  • शराब का सेवन बिल्कुल न करें। शराब हर लिहाज से सेहत के लिए खराब है।
  • क्रोनिक किडनी डिजीज की स्थिति में डायलिसीस द्वारा न्यूरोपैथी के कारण विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने और पैर की जलन को कम करने में मदद मिलती है।
  • GBS और CIDP के उपचार के लिए प्लाज्मा परिवर्तन (प्लास्माफेरेसिस) या इम्यून ग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG) करवाने से भी पैरों की जलन से आराम मिलता है।

पैरों में जलन दूर करने के घरेलू उपाय

ठंडे और गर्म पानी से सेकाई

पैरों की जलन को दूर करने के लिए ठंडे पानी या फिर गर्म पानी में पैर को डुबाएं। ठंडा पानी पैरों की जलन दूर करने के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। ठंडा पानी या फिर गर्म पानी पैरों की सूजन, जलन और झनझनाहट से तुरंत राहत दिलाता है।

इसके लिए आप एक टब में ठंडा पानी लें। अपने पैरों को कुछ मिनट के लिए इसमें डुबोयें। फिर थोड़ी देर के लिए बाहर निकाल लें और फिर दोबारा डुबोयें। यह प्रक्रिया दिन में कई बार दोहरायें। इसी तरह से गर्म पानी के साथ भी करें।

सेब का सिरका

सेब का सिरका शरीर के पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करता ही है साथ ही इसका उपयोग पैरों की जलन दूर करने में भी किया जाता है। आपको बस एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच सेब का सिरका डाल कर रोजाना पीना है।

इसके अलावा गर्म पानी से भरे टब में दो बड़े चम्मच सेब का सिरका,सेंधा नमकया फिर जो भी नमक आप खाते हैं वो मिलायें। इस मिश्रण में पैरों को लगभग 10 मिनट के लिए रोज भिगोयें। आपको कुछ ही दिनों में जलन से राहत मिलेगी।

हल्दी का इस्तेमाल

हल्दी हर दर्द की दवा है ये तो सभी ने सुना होगा।क्योंकि हल्दीमें करक्यूमिन नामक यौगिक अच्छी मात्रा में होता है, जिससे शरीर में रक्त संचरण में मदद मिलती है। इसके अलावा, हल्दी में अनुत्तेजक गुण होते हैं जो पैरों में जलन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। बस आप एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना पियें। साथ ही हल्दी का पेस्ट बनाकर भी आप जलन हो रहे जगह पर लगा सकते हैं।

अदरक का उपयोग

अदरक शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाते हैं। और इसलिए ही यह जलन में शीघ्र राहत दिलाती है। जलन से राहत के लिए आपको नारियल तेल या जैतून के तेल को गर्म करना है और फिर उसमें एक चम्मच अदरक का रस मिलाना है। और फिर इस मिश्रण से रोजाना 10 से 15 मिनट के लिए पैरों की मालिश करना है।

करेला का इस्तेमाल

यह सुनकर आपको अजीब जरूर लग रहा होगा। पर यकीन मानिए आयुर्वेद में करेला पैरों में होने वाली जलन के उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। आपको बस एक मुट्ठी भर करेले की पत्तियां को पीस कर पेस्ट बना लेना है। उसके बाद जलन वाली जगह पर लगाना है। ऐसा करने से जल्द ही आपको जलन से राहत मिलेगी।



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