पटना के मशहूर कोचिंग सेंटर रहमानी 30 और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी का निधन आज शनिवार को हो गया। वे 78 साल के थे। रहमानी करीब एक हफ्ते से बीमार चल रहे थे। बताया जा रहा है कुछ दिनों पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद उनका इलाज पटना के पारस अस्पताल में चल रहा था।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मौलाना रहमानी निधन की जानकारी देते ट्वीट किया है, “जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी साहब नहीं रहे। यह पूरे मुस्लिम उम्मा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। सभी से दुआओं और सब्र की गुज़ारिश है।” वे अपने पीछे दो बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं।
Gen. Sec. Maulana Wali Rahmani sahab RA has expired. It is an irreparable loss for the entire Muslim Ummah. Appeal for prayers and patience to all Muslims. Indeed to Allah we belong and to Him we return. @MaulanaUmrain, Secretary AIMPLB
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) April 3, 2021
रहमानी को मुंगेर में रविवार को सुबह 11:00 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दोनों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रहमानी का नाम बिहार एवं देश के मशहूर आलिम-ए-दीन में शुमार होता था। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें जन्नत में अहम मकाम अता करे।
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वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर लिखा है, “इमारत- ए- शरीया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली रहमानी साहब के वफ़ात की ख़बर सुन कर मुझे दिली सदमा हुआ है। आप एक मारूफ मज़हबी अलीम ए दीन थे। ख़ुदा से दुआ करता हूँ की आपको मग़फ़िरत फ़रमा जन्नत में आला मक़ाम दें।आपके घरवालों और चाहनेवालों को इस रंज और ग़म को बर्दाश्त करने की हिम्मत दें।”
बताया जा रहा है कि रहमानी को 18 मार्च को पटना के आईजीआईएमएस में कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी। लेकिन कोरोना का टीका लेने के बाद से उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद 28 मार्च को उन्हें पटना के पारस अस्पताल में लाकर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां शनिवार दोपहर उनकी मौत हो गई।
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इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत हजरत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी का जन्म 5 जून 1943 को बिहार के मुंगेर में हुआ था। वे पटना के गर्दनीबाग में रहते थे। वे तीन बार एमएलसी भी रहे। पूर्व अमीर-ए-शरियत हजरत मौलाना निजामुद्दीन के निधन के बाद 29 नवंबर 2015 को मौलाना मोहम्मद वली रहमानी इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत बनाए गए।
उल्लेखनीय है कि मौलाना वली रहमानी कई सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने बिहार, उड़ीसा और झारखंड के इमारत-ए-शरिया, अमीर-ए-शरियत के रूप में भी अपनी जिम्मेदारियां दीं। उन्होंने ही पटना के मशहूर कोचिंग सेंटर ‘रहमानी 30‘ स्थापना की थी जिससे हर साल शैक्षिक रूप से पिछड़े समुदायों के सैकड़ों बच्चे पढ़-लिखकर आईआईटी, मेडिकल और दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं। वह इस संस्था के अध्यक्ष थे। इतना ही नहीं रहमानी की निगरानी में कई स्कूल और कॉलेज की भी बुनियाद रखी गई थी।
मौलाना रहमानी हमेशा मुस्लिम समाज के पढ़ने-लिखने पर बल देते थे। वह मुस्लिम महिलाओं के शिक्षा के बड़े पक्षधर थे, उसके लिए उन्होंने रहमानी बी.एड कॉलेज बनवाई थी जहां से सैकड़ों पढ़-लिख कर देश के अलग-अलग स्कूलों और कॉलेजों में कार्यरत हैं। रहमानी हमेशा कहते थे कि मुस्लिम समाज के लोगों को धार्मिक अध्ययन के अलावा समकालीन शिक्षा पर भी बल देना चाहिए। तभी यह तबका अपने पिछड़े से उबर सकता है।
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