यूक्रेन को लेकर कभी भी छिड़ सकता है जंग, अमेरिकी सैनिक पोलैंड रवाना

यूक्रेन को लेकर कभी भी छिड़ सकता है जंग, अमेरिकी सैनिक पोलैंड रवाना

यूक्रेन संकट गहराता जा रहा है। माना जा रहा है कि रूस कभी भी उस हमला कर सकता है। अमेरिका ने अपने नागरिकों से अगले 48 घंटों के अंदर यूक्रेन से निकल जाने को कहा है। शुक्रवार को व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि आक्रमण हवाई बमबारी से शुरू हो सकती है, जिसके बाद वहाँ से निकलना मुश्किल होगा और नागरिकों की जान को खतरे में होगी।

हालांकि, यूक्रेन की सीमा के पास करीब एक लाख से अधिक सैनिकों की तैनात कर चुका रूस ने ऐसे किसी भी हमले की आशंका इंकार किया है। अमेरिका के अलावा दूसरे कई देशों ने भी अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने को कहा है। इनमें ब्रिटेन, कनाडा, नीदरलैंड, लातविया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।

रूस का आरोप है कि अमेरिका उसके खिलाफ गलत जानकारी फैला रहा है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवान ने कहा कि रूसी सेना अब स्थिति में पहुंच गई है कि वो कोई बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकती है।

यूक्रेन को लेकर कभी भी छिड़ सकता है जंग, अमेरिकी सैनिक पोलैंड रवाना

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उन्होंने कहा, “हम भविष्य नहीं बता सकते. हमें नहीं पता कि वास्तव में क्या होगा। लेकिन जोखिम अब अपने उच्चतम स्तर पर है और यहां से निकलना ही सही फैसला होगा।” अमेरिका ने अब यूक्रेन से सटे नाटो देशों में सेना की तैनाती तेज कर दी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 3 हजार और अमेरिकी सैनिकों को पोलैंड रवाना होने का आदेश दिया है। पहले से ही अमेरिका के 1.7 हजार सैनिक पोलैंड में तैनात हैं। इन तमाम घटनाक्रमों के बीच आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बाइडेन के बीच फोन कॉल पर बातचीत होनी है।

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के मुताबिक, जिन 3 हजार सैनिकों को पोलैंड भेजा जा रहा है। ये सैनिक उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग में तैनात थे और अगले सप्ताह की शुरुआत में पोलैंड पहुंच जाएंगे। सभी सैनिक अमेरिका की 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की पैदल सेना का हिस्सा हैं।

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हालांकि, अमेरिका का कहना है कि ये सैनिक यूक्रेन और रूस के बीच होने वाले किसी भी युद्ध का हिस्सा नहीं बनेंगे। इनका उद्देश्य सिर्फ नाटो देशों की सेना को ट्रेनिंग देना और युद्ध की स्थिति से निपटने की तैयारियां करवाना होगा। दरअसल, नाटो के सदस्य देश पोलैंड की सीमा यूक्रेन और रूस दोनों के साथ लगती हैं।

जो बाइडेन ने यह ऐलान अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की अमेरिकी नागरिकों से तत्काल यूक्रेन छोड़ने की अपील के बाद किया है। खबरों के मुताबिक, पोलैंड में तैनात अमेरिकी सैनिकों के अलावा जर्मनी में डिप्लॉय करीब 1,000 अमेरिकी सैनिक रोमानिया पहुंच गए हैं।

इसके अलावा अमेरिका की 18वीं एयरबोर्न कोर के मुख्यालय से 300 सैनिक जर्मनी पहुंच चुके हैं। इनकी कमान लेफ्टिनेंट जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के हाथों में है। नाटो देश के बीच समझौते के तहत अमेरिका के करीब 80 हजार सैनिक पूरे यूरोप में तैनात हैं। इनमें से कुछ स्थायी हैं, तो कुछ समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट होते रहते हैं।


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