हिजाब के समर्थन में राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए AISA कार्यकर्ता

हिजाब के समर्थन में राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए AISA कार्यकर्ता

कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कर्नाटक सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया।

आइसा के कार्यकर्ता स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किए जाने के कर्नाटक सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में स्थित कर्नाटक भवन की तरफ मार्च कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान पुलिस द्वारा छात्रों के कपड़ खिंचे गए जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत कुमार ने ट्वीट कर बताया, “हम क्या खाएंगे, क्या पहनेंगे और क्या सोचेंगे ये हम तय करेंगे! आइसा के छात्र-छात्राओं ने कर्नाटक भवन पर हिजाब बैन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी के साथ दिल्ली पुलिस की बर्बरता देखिए। ये आइसा की नेता मधुरिमा कुंडू हैं जिन्हें चोटें भी आई है!

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डीयू के आलावा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की करीब 200 छात्राओं ने हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को अपना ‘अडिग और बिना शर्त समर्थन’ दिया। जेएनयू की छात्राओं का यह कहना कि महिलाओं को हिजाब पहनने से रोकना राज्य और उसकी संस्थाओं की ‘पितृसत्तात्मक और इस्लामोफोबिक (इस्लाम से डर) प्रवृत्ति’ को दर्शाता है।

दिल्ली की तरह ही महाराष्ट्र में भी आज हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन हुए। बीड शहर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब के समर्थन में बैनर लगाए। छात्राओं ने कहा कि भारतीय संविधान नागरिकों को उनकी धार्मिक संस्कृति का पालन करने का अधिकार देता है। बीड के बशीरगंज और करंजा इलाकों में सोमवार को ‘पहले हिजाब फिर किताब’ लिखा पोस्टर लगाया गया था जिसे मंगलवार को हटा दिया गया था।

पश्चिम बंगाल में हिजाब के समर्थन में छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतरीं। आलिया विश्वविद्यालय के लगभग 500 विद्यार्थियों ने बुधवार को पार्क सर्कस इलाके में एक रैली निकाली, जिसमें कई महिलाओं ने हिजाब पहन रखी थी। स्टूडेंट्स इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज लेकर, अपने परिसर में लौटने से पहले एंटली और पार्क सर्कस गए। विद्यार्थियों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था-‘भारत के नागरिकों के रूप में, हमें यह तय करने का अधिकार है कि हमें क्या पहनना हैं और हमें अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने का अधिकार है।’

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उसी तरह से मध्य प्रदेश में भी प्रदर्शन हुए। हालांकि, राज्य के गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से कहा कि मध्य प्रदेश में हिजाब को लेकर कोई भी विवाद नहीं है। हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर सरकार के पास कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कर्नाटक में जारी विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि यह मामला कर्नाटक से जुड़ा है, जो वहां कि हाईकोर्ट में लंबित है।

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बुधवार को हिजाब विवाद पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि इस हेडस्कार्फ (हिजाब) का कोई विरोध नहीं है लेकिन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पोशाक संबंधी नियमों का पालन अवश्य ही किया जाना चाहिए।

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उन्होंने आगे कहा, “यदि कोई छात्रा हिजाब पहनना चाहती है, तो उसपर हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन वे यदि विद्यालय एवं महाविद्यालय जाना चाहती हैं तो उन्हें उन संस्थानों के पोशाक नियमों का पालन करना ही चाहिए।” उन्होंने कहा, “और यदि कोई उसका (पोशाक नियमों का) पालन नहीं करता है तो वह घर में रहे, कोई दिक्कत नहीं है।”

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उल्लेखनीय है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने छात्रों से कहा कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक वे शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में ऐसा कोई वस्त्र पहनने पर जोर नहीं दें जिससे लोगों को उकसाया जा सके। कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार के लिए निर्धारित करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थान छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, जस्टिस जे. एम काजी और जस्टिस कृष्णा एस. दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कहा था कि वह चाहती है कि मामले को जल्द-से-जल्द सुलझाया जाए। लेकिन उस समय तक शांति और सद्भावना बनाए रखनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मामले के निपटारे तक आप लोगों को इन सभी धार्मिक चीजों को पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए। हम आदेश पारित करेंगे। स्कूल-कॉलेज शुरू होने दें। लेकिन जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक किसी भी छात्र-छात्राओं को धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर नहीं देना चाहिए।”

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उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सवराज बोम्मई ने गुरुवार को कहा, “मैं सभी से एक साथ काम करने और कॉलेजों में शांति बनाने रखने की अपील करता हूं। सोमवार से 10वीं तक के स्कूल खुलेंगे। डिग्री कॉलेज बाद में खोले जाएंगे। जैसा कि मालूम है कि राज्य में हिजाब का मुद्दा काफी गंभीर हो गया है। पिछले दिनों इसको लेकर पथराव भी हुए थे जिसके बाद शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था।


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