उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही आई है। आनन-फानन में रेस्क्यू टीम को रवाना किया गया है। गंगा किनारे बसे जिलों में अर्लट जारी किया है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के बिजनौर, कन्नौज फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्ज़ापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, वाराणसी में भी हाई अर्लट जारी किया गया है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया, “करीब 50-100 लोग लापता हैं। दो शव बरामद किए गए हैं, कुछ घायलों को बचाया गया है। स्थिति नियंत्रण में हैं। तपोवन-रैणी में बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।”
Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat briefs media on the situation in Chamoli district, where a portion of Nanda Devi glacier broke off damaging a dam. pic.twitter.com/bbhEqNLBN4
— The Indian Express (@IndianExpress) February 7, 2021
शुरूआती जानकारी के मुताबिक, चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया है। बताया जा रही है कि जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर भारी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे। करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है। कुछ वीडियो में स्थानीय लोगों को ये कहते देखा जा सकता है कि काम करने वाले सभी मलबे में बह गए।
Massive #flood in #DhauliGanga, Joshimath seen near Reni village, where some water body above flooded and destroyed many river bankside houses due to some cloudburst, casualties feared, @ITBP_official rushed for rescue pic.twitter.com/aQphYQuIcH
— DD News (@DDNewslive) February 7, 2021
पुलिस लाउडस्पीकर से नदी किनारे बसी बस्तियों को अलर्ट कर रही है और लोगों को हटा रही है। वहीं, कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग अपना मकान खाली कर रहे हैं। फंसे लोगों के लिए हेल्प-लाइन नंबर जारी किया गया है।
ये भी पढ़ें: फटा ग्लेशियर, उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी तबाही के आसार, रेस्क्यू टीम रवाना
राष्ट्री आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने बयान जारी कर कहा, “चोमोली और जोशीमठ के आसपास ग्लेशियर फटने से बांध पर असर हुआ है। ग्लेशियर ऋषिगंगा पर आकर गिरा है, बीआरओ द्वारा जो ब्रिज बनाया जा रहा था उस पर भी असर हुआ है। SDRF और ITBP पहले से जोशीमठ में है। हम NDRF की 3-4 टीमों को रवाना कर रहे हैं।”
चमोली और जोशीमठ के आसपास ग्लेशियर फटने से बांध पर असर हुआ है। ग्लेशियर ऋषिगंगा पर आकर गिरा है, बीआरओ द्वारा जो ब्रिज बनाया जा रहा था उस पर भी असर हुआ है। SDRF और ITBP पहले से जोशीमठ में है। हम NDRF की 3-4 टीमों को रवाना कर रहे हैं: एस.एन.प्रधान, NDRF DG pic.twitter.com/U0qyBvPVTg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2021
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा, “अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ।”
अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
ये भी पढ़ें: राकेश टिकैत ने किया ‘ट्रैक्टर क्रांति’ का एलान, बीते 24 घंटे में दो और किसानों की मौत
मुख्यमंत्री ने विनती करते हुए कहा कि अफवाह न फैलाएं और पुराने वीडियो, फोटो को शेयर न करें। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ – मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने video share कर panic ना फैलाएँ। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं । आप सभी धैर्य बनाए रखें।”
मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ – मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने video share कर panic ना फैलाएँ। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं । आप सभी धैर्य बनाए रखें।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
आपदा पर जानकारी देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पानी आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को हटाया जा रहा है।”
ये भी पढ़ें: म्यूजिशियन मैरीलिन मैनसन को लेकर सिंगर फोबे ब्रिजर्स का बड़ा खुलासा, कहा- उनके घर में था रेप रूम
उल्लेखनीय है कि इसी महीने के आखिरी सप्ताह से हरिद्वार में कुंभ मेला होना है। अगर खतरा बढ़ता है तो राज्य सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे या फिर कार्यक्रम को रद्द करना पड़ सकता है।
Leave a Reply