योगी का उत्तर प्रदेश मानवाधिकार उल्लंघन करने में तीसरे साल भी रहा अव्वल

योगी का उत्तर प्रदेश मानवाधिकार उल्लंघन करने में तीसरे साल भी रहा अव्वल

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद प्रदेश लगातार तीसरी बार मानवाधिकार उल्लंघन करने में अव्वल स्थान पर रहा। यह खुलासा गृह मंत्रालय के आंकड़ों से हुआ है। मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में लगातार तीसरे साल यूपी सबसे ऊपर है।

गृह मंत्रालय के आंकड़ों की माने तो अक्टूबर 2021 तक, पिछले तीन सालों में NHRC के सालाना दर्ज किए गए मानवाधिकार उल्लंघन के करीब 40 फीसदी मामले उत्तर प्रदेश के थे। दरअसल, DMK सांसद एम. शणमुगम ने सदन में पूछा था कि क्या देश में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले बढ़े हैं?

DMK सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि NHRC ने मानवाधिकार उल्लंघनों के संबंध में जानकारी इकट्ठा की है और इनकी जांच की। उन्होंने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि NHRC ने 2018 से इस साल के 31 अक्टूबर तक सबसे अधिक मामले यूपी के दर्ज किए हैं जो लगभग 40 प्रतिशत है।

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केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, NHRC ने 31 अक्टूबर 2021 तक देश में मानवाधिकार उल्लंघन के 64,170 मामले दर्ज किए। लेकिन इनमें सबसे ज्यादा 24,242 मामले केवल उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले-

2021-22 में 24,242 मामले
2020-21 में 30,164 मामले
2019-20 में 32,693 मामले
2018-19 में 41,947 मामले

योगी का उत्तर प्रदेश मानवाधिकार उल्लंघन करने में तीसरे साल भी रहा अव्वल

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राज ने संसद में बताया कि MHA डेटा के मुताबिक, देश में पिछले तीन सालों में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में गिरावट गर्ज की गई है। साल 2018 में मानवाधिकार उल्लंघन के 89,584, 2019 में 76,628 और 2020 में 74,968 मामले दर्ज किए गए।

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संसद में जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इस साल 31 अक्टूबर तक NHRC ने मानवाधिकार उल्लंघन के 64170 केस दर्ज किए। जिनमें सबसे ज्यादा 24,242 मामले यूपी में दर्ज किए गए।

MHA के आंकड़ों की माने तो उत्तर प्रदेश में साल 2018 में 41, 947 केस, 2019 में 32,693 मामले दर्ज किए गए थे। इस साल 31 अक्टूबर तक यूपी में मानवाधिकार उल्लंघन के 24,242 केस दर्ज किए गए हैं। जो कि सबसे ज्यादा हैं। NHRC के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में साल 2018-19 में 41,947, 2019-20 में 32,693, 2020-21 में 30,164, 2021-22 में 24,242 मामले दर्ज किए गए हैं।


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