गुजरात में कोरोना मरीजों के इलाज में हो रहा गोमूत्र और उससे बनी दवाओं का इस्तेमाल

गुजरात में कोरोना मरीजों के इलाज में हो रहा गोमूत्र और उससे बनी दवाओं का इस्तेमाल

सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का कोरोना से संबंधित एक पोस्ट बीते दिन सिर्फ इसलिए डिलिट कर दिया क्योंकि उन्होंने उसमें ‘कोविड-19 एक मामूली-सा फ्लू’ लिखा। विश्व स्टैंडर्ड के मुताबिक, अगर आप कोरोना वायरस को मामूली बीमारी या उसके इलाज घरेलू उपायों से करना का दावा करते हैं तो कार्रवाई की जाती। अमेरिका जैसे यूरोपीय देशों में केस तक दर्ज करने का प्रावधान किया गया है।

लेकिन भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो इसे गंभीर नहीं मानते। हालांकि, शायद ही कोई दूसरी बीमारी है जिसमें पहले इतनी मौते हुई हैं। हर चार हजार के करीब मौत हो रही है, जिसमें वो आंकड़े नहीं जो इलाज के अभाव में अस्पताल से बाहर मृत्यु के शिकार हो रहे हैं। सरकार तो सिर्फ उनका डाटा मुहैया करावा रही है जो इलाज के लिए अस्पतालों में आ रहे हैं और टेस्ट करा रहे हैं। पर बहुत से ऐसे लोग भी है जो कोरोना से मर रहे हैं क्योंं पैसे के अभाव, मामूली खांसी-बुखार या जानकारी के अभाव में अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं।

हर दिन ऐसे हजारों लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है। इसके बावजूद भारत में संक्रमण को रोकने के लिए वैज्ञानिक रास्ता अपनाने के बजाय कई आजीबोगरीब कदम उठाए जा रहे हैं। और ये सब कुछ एक तरह से सरकारी संरक्षण में हो रहा है। दरअसल, भाजपा शासित गुजरात के बनासकांठा जिले के टेटोडा गांव में गौशाला के भीतर एक कोविड केयर सेंटर खोला गया है। इस कोविड सेंटर में मरीजों को गाय के दूध और गोमूत्र से बनी आयुर्वेदिक दवाईयां दी जा रही हैं।

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इस कोरोना सेंटर का नाम है-‘वेदालक्षणा पंचगव्य आयुर्वेद कोविड आइसोलेशन सेंटर’। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल यहां पर सात कोरोना मरीजों इलाज चल रहा है। गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के बनासकांठा विंग के ट्रस्टी मोहन जाधव बताते हैं, “हमने 5 मई को इस सेंटर की शुरूआत की थी। हम यहां पर हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को आठ आयुर्वेदिक दवाईयां देकर इलाज कर रहे हैं, जो कि दूध, घी और मूत्र से बनाई गई हैं।”

गुजरात में कोरोना मरीजों के इलाज में हो रहा गोमूत्र और उससे बनी दवाओं का इस्तेमाल

जाधव आगे बताते हैं, “हम कोरोना मरीजों की इलाज के लिए मुख्य रूप से पंचगव्य आयुर्वेदिक थिरेपी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम ‘गौ तीर्थ’ का इस्तेमाल करते हैं जो कि देसी गाय के मूत्र और अन्य जड़ी-बूटी को मिलाकर बनाई जाती है। इसके साथ ही खासी का भी इलाज किया जा रहा है, जिसमें गोमूत्र से बनी दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है। इम्यूनिटी बूस्टर के लिए हम ‘च्यवनप्राश’ का इस्तेमाल करते हैं जो कि गाय के दूध से बनता है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेंटर में दो आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं और साथ में दो अन्य डॉक्टर भी हैं जो एमबीबीएस डॉक्टर हैं, जो जरूर पड़ने पर एलोपैथिक दवाईयां देते हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार ने महीने की शुरूआत में कोरोना के लक्षण वाले लोगों को आईसोलेट करने और उनके इलाज के लिए स्थानीय गावों में कोविड केयर सेंटर स्थापित करने की इजाजत दी थी।

गुजरात में 1.2 लाख बेड की क्षमता वाले 10,320 से अधिक कोविड सेंटर बनाए गए हैं, जहां सिर्फ प्राथमिक इलाज दिया जाता है। बनासकांठा के कलेक्टर आनंद पटेल ने बताया, “वैसे तो कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्होंने हमें बताया था और हमने इसकी मंजूरी दी थी। टेटोडा गांव में ये सेंटर गौशाला में है।”

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सबसे आश्चर्य की बात ये कि इस तरह के सिर्फ ट्रस्ट ही नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि भी कोरोना के इलाज के लिए गोमूत्र पीने की सलाह दे रहे हैं। ये उतना ही घातक है जितना बाबा रामदेव का कोरोना मरीजों से अस्पताल जाने के बजाए अपने घर पर ही अपने नाक से वातावरण के ऑक्सीजन खींच कर इस्तेमाल करने की सलाह देना।

ऐसे ही एक उत्तर प्रदेश के बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने किया जो कुछ दिनों ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने दावा किया है कि हर दिन सुबह खाली पेट गोमूत्र पीने से कोरोना वायरस बिल्कुल खत्म हो जाएगा। भाजपा सांसद ने न सिर्फ गोमूत्र पीने की सलाह दी है बल्कि कुछ पीते हुए एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि भाजपा विधायक पतंजलि का गोमूत्र लेकर बैठे हैं और बता रहे हैं कि किस तरह ठंडे पानी में 50 मिलीलीटर गोमूत्र मिलाकर पीने से कोरोना खत्म हो जाएगा। उन्होंने दावा है कि वे इस महामारी के समय 18 घंटे लोगों के बीच रहते हैं, पर गोमूत्र पीने के चलते वे बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित हैं। हालांकि, गोमूत्र से कोरोना का इलाज ता कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों ने बार-बार कहते रहे हैं कि लोग इस तरह के बातों में न आएं और प्रामाणिक दवाओं का ही सेवन करें।


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