सिद्धू और चन्नी की मीटिंग खत्म, प्रेस कांफ्रेंस टला, CM ने बुलाई 4 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग

सिद्धू और चन्नी की मीटिंग खत्म, प्रेस कांफ्रेंस टला, CM ने बुलाई 4 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद गरुवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से चंडीगढ़ में मुलाकात की। पंजाब भवन में हुई इस मुलाकात के दौरान कैबिनेट मंत्री परगट सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा, पवन गोयल और पर्यवेक्षक हरीश चौधरी भी मौजूद रहे। मीटिंग दो घंटे तक चली।

माना जा रहा था कि बैठक के बाद दोनों एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। प्रेस कांफ्रेंस टल गया। खबर आई है कि मुख्यमंत्री चन्नी ने 4 अक्टूबर को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। हालांकि इसका एजेंडा नहीं बताया गया है।

माना जा रहा है कि सिद्धू ने हाईकमान के 18 सूत्रीय फॉर्मूले को लेकर मुद्दा उठाया है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री चन्नी ने पहले हर मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग की बात कही थी। अब यह मीटिंग सोमवार को बुला ली गई है।

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सिद्धू ने आज सुबह ट्वीट किया था कि मुख्यमंत्री ने मुझे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए दोपहर 3 बजे मैं चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन पहुंच रहा हूं। किसी भी तरह की चर्चा के लिए उनका स्वागत है।

खबरों के मुताबिक, सिद्धू को मनाने के किए पार्टी के नेता परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, फतेह जंग बाजवा, इंदरबीर सिंह बोलारिया, सुरजीत धीमान और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पवन गोयल ने पटियाला स्थित सिद्धू के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।

सिद्धू और चन्नी की मीटिंग खत्म, प्रेस कांफ्रेंस टला, CM ने बुलाई 4 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग

कांग्रेस के विधायक गुरप्रीत सिंह ने सीएम चन्नी से मुलाकात के बाद दावा किया है कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के अध्यक्ष बनें रहेंगे। लेकिन मीटिंग में जाने से पहले ही सिद्धू ने ट्वीट कर चन्नी सरकार की नियुक्तियों पर सवालिया निशान लगा दिया।

सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, “पुलिस महानिदेशक सहोता बादल सरकार के दौरान हुए बेअदबी केस के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख थे। इन्होंने ग़लत तरीके से दो सिख युवकों को पकड़ा था और बादलों को क्लीन चिट दी थी।”

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इसके बाद उन्होंने लिखा, “साल 2018 में मैंने और कांग्रेस के मंत्रियों ने (जिनमें उस समय के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और मौजूदा गृह मंत्री भी शामिल थे) इन युवकों को भरोसा दिलाया था कि हम न्याय के लिए उनकी जंग में उनका साथ देंगे।” साथ में उन्होंने एक वीडियो संदेश में भी ट्विट किया कि मैं अड़ूंगा भी और लड़ूंगा भी, सबकुछ जाता है तो जाए।

जैसा कि मालूम है कि दो दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पंजाब में एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया था। सिद्धू ने इस्तीफा देने के बाद आरोप लगाया था कि राज्य सरकार में कई पदों पर दागियों की नियुक्ति की गई है।

इन नियुक्तियों में कैबिनेट मंत्री, एडवोकेट जनरल, डीजीपी का नाम शामिल है। कहा गया था कि नवजोत सिंह सिद्धू की न सुने जाने के चलते उन्होंने अपना इस्तीफा दिया था। वहीं, दूसरी तरफ आज गुरुवार को कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वे अभ कांग्रेस में नहीं रहेंगे। इसके थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने ट्विटर से कांग्रेस शब्द हटा दिया।


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