शाहीनबाग की दादी किसानों के आंदोलन को मजबूत करने धरना स्थल पहुंचीं

शाहीनबाग की दादी किसानों के आंदोलन को मजबूत करने धरना स्थल पहुंचीं

नई दिल्ली: कड़कड़ाती ठंड के बीच कृषि कानून के खिलाफ किसान सड़कों पर डटे हुए हैं। आज उनके आंदोलन का छठा दिन है। इसी बीच शाहीनबाग की दादी बिलकिस बानो भी किसानों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए पहुंच गई हैं। पिछली सर्दी का महीना बिलकिस बानो ने शाहीनबाग की सड़कों पर गुजारी थी और इस बार भी उन्होंने ऐसा ही करने का निर्णय किया है।

शाहीनबाग की दादी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है जिसमें देखा जा सकता है कि वो आंदोलनकारी किसानों से जाकर मिल रही हैं और किसान उनका स्वागत कर रहे हैं। एक व्यक्ति किसानों से कहता है, “ये शाहीनबाग की दादी किसानों को समर्थन देने आई हैं।” फिर वो जाकर पास खड़े किसानों से मिलती हैं और उन्हें आशिर्वाद देती हैं।

किसानों में से एक व्यक्ति कहता है, “…देखो जी, सरकार नहीं सुनेगी। आपकी ये बड़ी हिम्मत है जो आप यहां पहुंचे हो। एक और किसान दादी से कहता है कि आप अपने लोगों को भी कहो कि वे हमारे समर्थन में आएं। फिर दादी के साथ आया व्यक्ति बताता कि वो गांव से सीधे धरनास्थल पहुंचे हैं। उनके आने के बारे में किसी को नहीं मालूम है। जल्द ही बाकी के लोग भी किसानों को समर्थन देने आएंगे। गौरतलब है कि शाहीनबाग की दादी के नाम से मशहूर बिलकिस बानों को विश्वप्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैग्जीन ने दुनिया के 100 सबसे असरदार लोगों में शामिल किया था।

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बता दें कि अखिल भरतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने सोमवार को एलान किया कि वे कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ कोई भी बातचीत किसी शर्त के साथ नहीं होगी। किसान आंदोलन को लेकर देशभर में भ्रम फैलाया गया जिसका अब खुलासा हो गया है। उन्होंने कहा कि किसान अपने मन की बात कहने आए है। उनकी बात सुनी जानी चाहिए नहीं तो यह बहुत महंगा पड़ेगा।

वहीं, दूसरी तरफ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से कहा है कि वो उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। किसान संगठनों को कृषि मंत्री ने 1 दिसंबर को अपराह्न 3 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। किसानों के साथ मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति बातचीत में शामिल होगी। उन सभी संगठनों को इस बैठक में निमंत्रण दिया गया है, जिन्हें पिछली बैठक में बुलाया गया था।

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नरेंद्र तोमर ने कहा, “सरकार किसानों से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहती है। किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से खड़ी है। पिछले छह साल के दौरान कृषि और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रम हुआ है। पहले भी किसानों के साथ दो दौर की वार्ता हुई है।” 14 अक्टूबर को कृषि सचिव ने बातचीत की थी जबकि 13 नवंबर को कृषि मंत्री तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी।

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