कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह का निधन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह का निधन

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह का निधन हो गया है। बुटा सिंह कांग्रेस पार्टी के दलित चेहरा थे। वे राजीव गांधी सरकार में गृह मंत्री रहें। वो 86 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में जन्मे सरदार बूटा सिंह आठ बार लोकसभा सांसद रहें।

कांग्रेस सरकार के दौरान बूटा सिंह रेल मंत्री, गृह मंत्री, कृषि मंत्री जैसे कई अहम पदों को संभाला। वे साथ ही यूपीए कार्यकाल के दौरान बिहार के राज्यपाल भी रहें। उन्हें नेहरू-गांधी परिवार का विश्वासपात्र माना जाता था।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, “श्री बूटा सिंह जी गरीबों के कल्याण के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए एक अनुभवी प्रशासक और प्रभावी आवाज थे। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है, “सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।”

बता दें कि राजीव गांधी सरकार में गृह मंत्री रहें बूटा सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत अकाली दल से की थी। उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव अकाली दल से लड़ा। लेकिन 60 के दशक में वो कांग्रेस से जुड़ गए।

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पंजाब के रोपड़ से वे 1967 से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे। पर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या और फिर सिख विरोधी दंगे की वजह से कांग्रेस विरोधी माहौल बनने के बाद राजीव गांधी ने उन्हें पंजाब से राजस्थान भेज दिया था।

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