बजट से RSS के सहयोगी संगठन भी नाराज, बताया आत्मनिर्भर भारत भावना के विरूद्ध

बजट से RSS के सहयोगी संगठन भी नाराज, बताया आत्मनिर्भर भारत भावना के विरूद्ध

केद्र सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट 2021-2022 पर विपक्षी दल ही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कई सहयोगी संगठन भी नाराज हैं। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने केंद्रीय बजट की सोमवार को प्रशंसा की पर कुछ फैसलों पर सवाल भी उठाए। एसजेएम ने सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों के संबंध में सरकार के विनिवेश प्रस्तावों और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ने पर चिंता जताई है।

द हिन्दू के मुताबिक, एसजेएम के संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा, “सरकार ने लोगों के जीवनयापन के लिए नि: शुल्क भोजन और अन्य आवश्यक कदम उठाकर और जो अपनी नौकरी या आय के नुकसान का सामना कर रहे हैं। वे अस्तित्व को बचाने के लिए जो कदम उठाए हैं हम उसकी सराहना करते हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था पटरी पर है।” महाजन ने बुनियादी ढांचे के लिए अधिक धनराशि के आवंटन और उद्योग को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के लिए भी सरकार की प्रशंसा की।

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विनिवेश प्रस्तावों और बीमा में एफडीआई सीमा बढ़ाने पर महाजन ने कहा, “भारत पेट्रोलियम एंड केमिकल्स लिमिटेड (बीपीसीएल), एयर इंडिया, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के विनिवेश की घोषणा आदि चिंता का कारण है। करदाताओं के पैसे से बनाए गए उद्यमों का रणनीतिक विनिवेश सही नहीं है।” उन्होंने कहा कि इक्विटी रूट के माध्यम से बिक्री ‘बेहतर और अधिक पारदर्शी विकल्प’ होगी।

उन्होंने आगे कहा, “बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को मौजूदा 49% से बढ़ाकर 74% करना भी चिंताजनक है क्योंकि वित्तीय क्षेत्र में विदेशी प्रभुत्व बढ़ाना एक विवेकपूर्ण कदम नहीं है। इससे देश के वित्तीय संसाधनों पर विदेशी प्रभुत्व बढ़ता है और देश के विकास पर असर पड़ता है।”

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वहीं दूसरी तरफ आरएसएस की श्रमिक इकाई भारतीय मजदूर संघ ने बजट को लेकर गहरी निराशा जताई है। संगठन ने कहा है, “बजट को लेकर दी गई उसकी ज्यादातर मांगें नहीं मानी गई हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का विनिवेश दुर्भाग्यपूर्ण है। इन कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों के हितों की कोई चिंता नहीं की गई है।” संगठन ने भी बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाने को आत्मनिर्भर भारत की भावना के विरूद्ध बताया है।

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