RSS ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, अब ‘भारत माता की जय’ बोल देशभक्त बन रहे

RSS ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, अब ‘भारत माता की जय’ बोल देशभक्त बन रहे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरएसएस और बीजेपी हमला किया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में भी राष्ट्रीय स्वयं संघ के लोगों ने हिस्सा नहीं लिया था और अब वे ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाकर अपनी देशभक्ति को साबित करना चाहते हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले के मुद्दों को उठाते हुए उन्होंने कहा कि मातोश्री में उनके और अमित शाह के बीच जो चर्चा हुई थी, उससे भाजपा ‘बेशर्मी’ से मुकर गई। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव से पहले उन्हें मुख्यमंत्री का पद देने पर बात हुई थी।

दरअसल, उद्धव ठाकरे ने ये बातें विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुआ चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा, “हिंदुत्व का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा का साहस तब कहां चला गया था जब बाबरी मस्जिद गिरी थी। हम तब भी हिंदू थे, आज भी हिंदू हैं और कल भी हिंदू रहेंगे। भाजपा हमें हिंदुत्व न सिखाए। हम झूठ नहीं बोलते हैं। जो कहते हैं करके दिखाते हैं। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करके रहेंगे और विदर्भ को महाराष्ट्र के कतई अलग नहीं होने देंगे।”

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शिवसेना नहीं थी लेकिन भाजपा का आरएसएस तो था। लेकिन उसने संग्राम में हिस्सा नहीं लिया। अब भारत माता की जय के नारे लगाकर वे अपनी देशभक्ति साबित नहीं कर सकते। आप सत्ता में आने के बाद भी लोगों को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं।”

भाजपा पर उन्होंने कई मुद्दों को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “भाजपा वी.डी. सावरकर को भारत रत्न नहीं दिला पाई, पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गईं। अचानक लॉकडाउन कर दिया, मराठी भाषा को क्लासिकल स्टेटस नहीं दे पाई।”

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उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर विधानसभा चुनाव 2019 में बराबर सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री पद के कथित वादे को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा, “जब इस मुद्दे पर अमित शाह से बात हुई थी तब देवेंद्र फडणवीस कमरे में मौजूद नहीं थे। लेकिन जो बातें कमरे के अंदर तय हुई थी बाहर जाकर बेशर्मी से इंकार कर दिया।”

उन्होंने पूछा, “जब फडणवीस सरकार ने वी.डी. सावरकर को भारत रत्न देने के लिए पत्र लिखे तो उसपर अमल क्यों नहीं किया गया था।” उद्धव ठाकरे ने किसानों के मुद्दे को लेकर कहा कि जब किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं तो उनकी मूलभूत जरूरतों को बाधित किया जा रहा है और बिजली की सप्लाइ तक रोक दी जा रही है।

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