उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश बाद हरियाणा की खट्टर सरकार भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में जुटी हुई है। जल्द ही सरकार नया ‘लव जिहाद’ बिल विधानसभा में पेश करने वाली है। लेकिन सरकार में मुख्य सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने बिल के रास्ते में रोड़े अटकाने के संकेत दिए हैं।
दरअसल, जेजेपी प्रमुख और राज्य के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ‘लव जिहाद’ शब्द को लेकर आपत्ति जताई है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह ‘लव जिहाद’ शब्द से सहमत नहीं हैं, जिसे दक्षिणपंथी मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिन्दू महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं।
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उन्होंने कहा, “मैं ‘लव जिहाद’ नामक शब्द से सहमत नहीं हूं। हमें विशेष रूप से बलपूर्वक कराए जाने वाले धर्मांतरण की जाँच के लिए एक कानून मिलेगा और हम इसका समर्थन करेंगे। यदि कोई स्वेच्छा से धर्मान्तर करता है या किसी अन्य धर्म के साथी से विवाह करने के लिए धर्मांतरण करता है, तो इस पर कोई रोक नहीं है।”
देखा जाए तो दुष्यंत चौटाला की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब जेजेपी और दुष्यंत चौटाला पहले से ही किसान आंदोलन के मुद्दे पर बीजेपी के स्टैंड से नाखुश हैं। चौटाला पहले ही किसानों की मांगों का समर्थन कर चुके हैं और उन्होंने तीनों कृषि कानूनों की समीक्षा की मांग रखी है। चौटाला ने तो यहां तक धमकी दे दी है कि अगर किसानों की बातें नहीं सुनी गईं तो वह सरकार से इस्तीफा दे देंगे।
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बताते चलें कि एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि पिछले तीन सालों में हरियाणा में ‘लव जिहाद’ के केवव चार मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से तीन आरोपी निर्दोष पाए गए हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई में खुलासा हुआ है कि हरियाणा में पिछले तीन सालों में सिर्फ चार मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें से दो मामले जांच के बाद पुलिस ने रद्द कर दिए थे, जबकि तीसरे मामले में आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया था। वहीं, चौथा मामला कोर्ट में अभी लंबित है। उल्लेखनीय है कि यह आरटीआई एक्टिविस्ट पी.पी. कपूर ने लगाई थी।
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