तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा उलट-फेर हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की सहयोगी रहीं वी.के. शशिकला ने राजनीति से सन्यास लेने का एलान किया है। कुछ ही दिनों पहले वो जेल की सजा काटकर वापस लौटी हैं। शशिकला को एआईएडीएमके ने पहले ही पार्टी से बाहर कर दिया था। शशिकला के भतीजे टी.टी.वी दिनाकरण ने कुछ दिन पहले कहा था कि शशिकला आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं।
Tamil Nadu: In a statement, VK Sasikala says she is quitting public life; asks the AIADMK cadre to stand united and ensure DMK is defeated in forthcoming Assemlby elections.
— ANI (@ANI) March 3, 2021
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लेकिन आज उन्होंने सन्यास लेने का एलान कर सबको चौंका दिया। हालांकि, एलान के बाद उन्होंने डीएमके को हराने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य अपने दुश्मन डीएमके को हराना है। मैं कभी भी सत्ता के पीछे नहीं गई। मैं अपने और अम्मा के समर्थकों का धन्यवाद करती हूं।”
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जयललिता के जन्मदिवस के अवसर पर हाल ही में उन्होंने पार्टी समर्थकों से अपील की थी कि वह एक हो जाएं और आगामी विधानसभा चुनावों में डीएमके को हराने में मदद करें। उन्होंने कहा था, “अम्मा के समर्थकों को एक साथ आना चाहिए और जीत के लिए लड़ना चाहिए। आने वाले चुनावों में हमारा लक्ष्य जीत है। जल्द ही मैं कैडर और लोगों से मुलाकात करूंगी।”
उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिनों पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल से जेल में शशिकला बाहर आई थीं। उनके जेल से बाहर आने के बाद राज्य की सियासीपारा चढ़ गया था। ऐसी अफवाह उड़ी थीं कि पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम की अध्यक्षता में भाजपा शशिकला और एआईएडीएमके के शीर्ष अधिकारियों के बीच विलय कर रही है।
अपने बयान में शशिकला ने कहा कि जयललिता की भावनाओं के प्रति वह हमेशा निष्ठावान बनी रहेंगी, ठीक वैसे ही जैसे वह उनकी ‘बहन’ के रूप में थीं। शशिकला के साथ के.पी. मुनुसामी सहित अन्नाद्रमुक के कई नेताओं ने सहानुभूति रखते हुए बयान दिए थे। हालांकि, वे दिनाकरण के कदमों से आशंकित थे, जो सत्तारूढ़ दल के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं।
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