रामदेव ने अब ज्योतिष विज्ञान का मजाक उड़ाया, कोरोनिल के मछली परीक्षण पर बढ़ा विवाद

रामदेव ने अब ज्योतिष विज्ञान का मजाक उड़ाया, कोरोनिल के मछली परीक्षण पर बढ़ा विवाद

बाबा रामदेव ने एलोपैथी के बाद अब ज्योतिष विज्ञान का मजाक बनाया है। रामदेव ने ज्योतिषियों पर तंज करते हुए कहा कि सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं। ज्योतिषी काल, घड़ी, मुहूर्त के नाम पर बहकाते रहते हैं। यह भी पूरे एक लाख करोड़ की इंडस्ट्री है।

उन्होंने आगे कहा, “बैठे-बैठे ही किस्मत बताते हैं। जब मोदी जी ने पांच सौ और एक हजार के नोट बंद किए तो किसी को पता नहीं चला। किसी ज्योतिषी ने यह भी नहीं बताया कि कोरोना आने वाला है। किसी ने नहीं बताया कि इसके बाद ब्लैक फंगस भी आने वाला है।”

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रामदेव ने एक योग शिविर में साधकों से बीच-बीच के दौरान कहा, “किसी ने यह नहीं बताया कि कोरोना का समाधान बाबा रामदेव कोरोनिल से देने वाले हैं। मैं तो विशुद्ध रूप से हिंदी और संस्कृत बोलता हूं। बीच-बीच में अंग्रेजी बोलने वालों को भी ‘ठोकता’ हूं। क्योंकि यह बोलते थे कि हिंदी और संस्कृत बोलने वाला बड़ा आदमी नहीं बन सकता।”

रामदेव ने अब ज्योतिष विज्ञान का मजाक उड़ाया, कोरोनिल के मछली परीक्षण पर बढ़ा विवाद

रामदेव ने फिर आगे कहा, “अब हिंदी व संस्कृत बोलने वाले ने ऐसे झंडे गाड़ दिए कि सब कहते हैं कि हिंदी पढ़नी चाहिए, संस्कृत पढ़नी चाहिए। आगे गुरुकुल में पढ़ने वाले ही देश चलाएंगे। 20-25 साल बाद बताऊंगा प्रयोग करके।”

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वहीं, दूसरी तरफ आईएमए उत्तराखंड के सचिव डॉ. अजय खन्ना ने दावा किया है कि बाबा रामदेव की पतंजलि ने कोरोनिल का परीक्षण उत्तराखंड की नदियों में पाई जाने वाली ‘जेब्रा फिश’ (मछली की एक प्रजाति) पर किया है। उन्होंने कहा कि खुद पतंजलि ने पाइथोमेडिसिन जर्नल में छपे शोधपत्र में इस बात की जानकारी दी है।

डॉ. खन्ना ने बताया कि नियमानुसार मछली पर परीक्षण की गई दवा, मनुष्यों पर इस्तेमाल नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि मछली पर भी ठीक ढंग से परीक्षण नहीं किया गया। कोरोना संक्रमित करने के बाद मछली को कोरोनिल दी जानी चाहिए थी। ताकि, पता चले कि उसका वायरस पर कुछ असर हो रहा है या नहीं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।


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