रामदेव के पतंजलि गुरुकुल पर 4 बच्चों को बंधक बनाने का आरोप

रामदेव के पतंजलि गुरुकुल पर 4 बच्चों को बंधक बनाने का आरोप

योगगुरु रामदेव का विवादों से पुराना नाता रहा है। इन दिनों वे एलोपैथी पर टिप्पणी करने को लेकर सुर्खियों में है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के साथ विवाद के बीच अब रामदेव के पतंजलि गुरुकुल पर बच्चों को बंधक बनाने के आरोप लगे हैं। योगगुरु के हरिद्वार स्थित पतंजलि गुरुकुल पर आरोप है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के चार छात्रों को बंधक बनाकर रखा। हालांकि, बाद में पुलिस की मदद से चारों को बच्चों को वहां से छुड़ा लिया गया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा, “मुझे शिकायत मिली है कि छत्तीसगढ़ के चार छात्रों को पतंजलि गुरुकुल में बंधक बनाया गया। गरियाबंद कलेक्टर और एसपी के दखल के बाद बच्चों को छोड़ दिया गया। मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।”

गरियाबंद के एसपी भोजराम पटेल ने बताया कि हरिद्वार के गुरुकुल में बच्चों को रोकने की जानकारी मिलने के बाद जिले की पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और हरिद्वार प्रशासन की मदद से बच्चों को रेस्क्यू किया गया।

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में देवभोग ब्लॉक के धौराकोट में रहने वाले शिक्षक कौशल सिन्हा ने अपनी एक बेटी और तीन बेटे को उत्तराखंड के पतंजलि गुरुकुलम हरिद्वार स्थित वैदिक कन्या गुरुकुलम में अध्ययन के लिए भेजा था।

बच्चों के पिता कौशल ने बताया कि उनके साले परमेश्वर ने भी अपने दो बच्चों को गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा था। कौशल अपने ससुर ललित राम सिन्हा के साथ अपने चारों बच्चों से मिलने गए थे। उन्होंने बुधवार को गुरुकुल पहुंचकर मिलने की मांग इजाजत मांगी लेकिन कोरोना जांच का हवाला देकर उनलोगों को मिलने नहीं दिया गया। उरमाल अस्पताल की रिपोर्ट को मान्य नहीं किया तो उन्होंने रुड़की में भी जांच कराई। तब भी नहीं माने।

इसके बाद गुरुकुल प्रशासन की ओर से कहा गया कि पतंजलि में जांच कराना अनिवार्य है। जिसकी रिपोर्ट चार दिनों बाद आएगी। तब तक इंतजार करना होगा। पिका कौशल ने कहा कि अव्यवस्था के चलते हमने बच्चों को वापस ले जाने का मन बना लिया। उन्होंने बताया कि एक-एक बच्चे का 65 हजार जमा किया गया था। लेकिन जब वापस लाने गए तो एक बच्चे के लिए डेढ़ लाख और मांगे गए। ऐसे में चार बच्चों के लिए 6 लाख जमा करने कहा गया।

उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने स्थानीय प्रशासन से इसके लिए मदद मांगी। इसके बाद रात के साढ़े 10 बजे बच्चों को परिजनों के हवाले किया गया। कौशल ने कहा, “कल सुबह 4 बजे घर के लिए वापस होंगे बच्चों को छुड़ाने में गरियाबंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने हरिद्वार के डीएम आनन्द भारद्वाज से बात की।” वहीं, कलेक्टर क्षीरसागर ने बताया कि कई दौर की बातचीत के बाद बच्चों को छुड़वाने में सफलता मिली। इसमें छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सचिवालय ने भी अहम भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय है कि योगगुरु रामदेव के पतंजलि के तेलों में मिलावट करने की खबर आई थी। गुरुवार देर रात को राजस्थान के अलवर स्थित पतंजलि सरसों तेल कंपनी सिंघानिया ऑयल मिल को सीज कर दिया गया। पतंजलि के सरसों के तेल पर खाद्य तेल संगठन पहले से ही आपत्ति जता चुका था। क्योंकि रामदेव की पतंजलि के सरसों तेल के विज्ञापन में यह दिखाया गया है कि पतंजलि छोड़ बाकी सभी कंपनियों में कच्ची घानी तेल में मिलावट है। इसी विज्ञापन के बाद खाद्य तेल संगठन ने अपनी आपत्ति जताई थी।


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