छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मछली चोरी के आरोप में सात आदिवासी युवकों की पेड़ से बांधकर पिटाई करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले स्थानीय सरपंच के पति समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने तालाब से मछली चोरी करने के आरोप में जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चेर गांव में सात आदिवासी युवकों की पिटाई करने के आरोप में ग्राम पंचायत के सरपंच के पति सत्यम यादव, जितेंद्र प्रताप यादव, बासदेव यादव, आलोक यादव, जयप्रकाश यादव, बंशीधर यादव, दीनानाथ यादव, देवसाय यादव, जमुना यादव और जितेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया है।
Chhattisgarh | At least 8 people were tied to tree & thrashed for allegedly stealing fishes from pond in Balrampur; 10 held
— ANI (@ANI) June 21, 2021
Victims belong to Pando tribe. We've registered a case against all accused under relevant sections of Atrocities Act & IPC: Additional SP Prashant Katlam pic.twitter.com/esp7BUchX0
पुलिस के मुताबिक, इस महीने की 15 तारीख को चेरा गांव में सत्यम यादव और उसके साथियों ने आदिवासी युवकों राजकुमार पंडो (22), देवरूप पंडो (30), रामबली पंडो (35), लालबिहारी पंडो (15), मंधारी पंडो (30), राजकुमार पंडो (22 ) और रामधनी पंडो (35) की पेड़ से बांधकर पिटाई कर दी थी।
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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुकाबिक, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आदिवासी युवकों पर यादव और उसके साथियों ने गांव के तालाब से पाली गई मछलियों की चोरी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने युवकों पर 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। बाद में जब घटना का वीडियो वायरल हुआ, तब पुलिस को मामले की जानकारी मिली।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चेरा गांव के निवासी रामधनी पंडो ने सोमवार को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने जाकर आरोपियोंको गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि वह फिलहाल मामले की जांच कर रही है।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में विशेष संरक्षित पंडों जनजाति के आठ लोगों की, बंधक बना कर, गाँव के संपन्न लोगों ने बेदम पिटाई की. उन पर 35-35 हज़ार ₹ का जुर्माना लगाया गया.
— Alok Putul (@thealokputul) June 21, 2021
बस्तर से बलरामपुर तक आदिवासियों की हालत ख़राब है. @RahulGandhi जी, अपनी चुप्पी तोड़िये. pic.twitter.com/cp2mhLunND
वाड्राफनगर के पुलिस उप-मंडल अधिकारी (एसडीओपी) ध्रुवेश जायसवाल ने बताया कि यह घटना त्रिकुंडा थाना क्षेत्र के चेरा गांव में 15 जून को हुई थी, इस मामले में गांव के सरपंच के पति और अन्य के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया गया।
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प्राथमिकी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सातों पीड़ित पंडो आदिवासी समुदाय से हैं। इन पर 15 जून को गांव के एक तालाब से मछलियां चुराने का आरोप लगाया गया था और उन्हें जबरन गांव के सरपंच के पति सत्यम यादव के फार्महाउस ले जाया गया था।
जायसवाल ने कहा, “फार्महाउस में सत्यम यादव और अन्य ने कथित तौर पर एक ‘जन चौपाल’ का आयोजन किया और सभी सात लोगों को लाठियों से बेरहमी से पीटा गया।” पीड़ितों को एक वीडियो क्लिप में एक पेड़ को पकड़कर एक-एक करके खड़े होने के लिए कहा जा रहा है। एक शख्स उनकी लाठियों से पीटाई करता नजर आ रहा है।
उप-मंडल अधिकारी के मुताबिक, पीड़ितों की ओर से विरोध करने पर थप्पड़ मारे गए और गालियां भी दी गईं। इतना ही नहीं आदिवासियों को ये भी धमकी दी गई कि अगल उन्होंने पुलिस से संपर्क करने की कोशिश की तो गंभीर परिणाम होंगे।
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एसडीओपी ने कहा, “हालांकि, पीड़ितों में से एक ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।” उन्होंने बताया कि आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बता दें कि शुरुआत में मामले सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया था, “कौन हैं वो लोग जो आदिवासियों के बीच डर फैलाना चाहते हैं, जिससे नक्सलियों को बल मिले? इसके पीछे कौन ताकते हैं?” लेकिन जब विवाद हुआ तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने इस ट्वीट के लिए खेद जताते हुए कहा कि ट्वीट में कुछ भ्रामक गलतियां थीं।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस हैंडल ने लिखा, “हमारे द्वारा किए गए ट्वीट में कुछ भ्रामक गलतियां थीं। सूचना मिलते ही हम खेद पूर्वक अपना ट्वीट हटा रहे हैं। तथ्य यह है कि पीड़ितों ने उक्त घटना की शिकायत गत दिवस 21 जून को दर्ज करवाई थी, जिस पर कार्यवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर ही आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।”
#खेद
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) June 22, 2021
हमारे द्वारा किये गए ट्वीट में कुछ भ्रामक गलतियां थीं। सूचना मिलते ही हम खेद पूर्वक अपना ट्वीट हटा रहे हैं।
तथ्य यह है कि पीड़ितों ने उक्त घटना की शिकायत गत दिवस 21 जून को दर्ज करवाई थी, जिस पर कार्यवाई करते हुए 24 घण्टे के अंदर ही आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। pic.twitter.com/fIsmAphXTP
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एक और ट्वीट में हैंडल ने लिखा, “सोशल मीडिया में बढ़ती भ्रामक खबरों के कारण एक जिम्मेदार दल होने के चलते सदैव यह डर रहता है कि कहीं किसी भी वायरल कंटेट से समाज में कोई दहशत का माहौल न पनप जाए। जिस कारण से प्राथमिक सूचना के आधार पर यह ट्वीट किया गया था। सूचना पुख्ता होने पर मामला थोड़ा अलग था। हमें खेद है।”
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