वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 45वीं बैठक शुक्रवार को हुई जिसमें कई फैसले लिए गए। माना जा रहा था कि सरकार ईंधन तेल पर छूट दे सकती है। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी जनता को निराशा ही हाथ लगी। कई जीवन रक्षक दवाओं को दो महीनों के लिए और जीएसटी फ्री तो कर दिया गया पर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इंकार कर दिया गया।
इससे पहले कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट दी गई थी जो 30 सितंबर तक लागू रहेगी। अब इस छूट को 31 दिसंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। जीएसटी दरों में ये छूट सिर्फ दवाइयों में दी जाएगी। हालांकि, पहले जो लिस्ट जारी किए गए थे उसमें कई तरह के दूसरे उपकरण भी शामिल थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “हमने जनता के हितों वाले फैसले लिए हैं। ये सभी लंबे समय से अटके पड़े थे। आवश्यक दवा को लेकर प्रक्रिया बहुत लंबी थी, जिसको अब टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है।
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उन्होंने कहा, “zolgensma और Viltepso नाम की बहुत महंगी दवाओं को टैक्स के दायरे से बाहर रखने का फैसला आज हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जिन दवाओं को टैक्स के दायरे के बाहर रखने का सुझाव आया था, उन्हें भी छूट दी गई है।”
Reduction of GST from 12 to 5% on cancer related drugs and Seven other medicines.
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 17, 2021
Reduction of GST on Retrofit ment kits used by divyangs: Finance Minister @nsitharaman after 45th GST Council meeting pic.twitter.com/ggDTY3sXmH
वित्त मंत्री ने बताया कि कोरोना से संबंधित दवाओं में छूट की सीमा को 3 महीने बढ़ाते हुए 31 दिसंबर तक कर दिया है। इसमें एम्फोटेरेसिन, रेमडिसिविर समेत 4 दवाओं को फायदा मिलेगा। 7 अन्य दवाओं को 12 प्रतिशत से 7 प्रतिशत की छूट की सीमा को भी 31 दिसम्बर तक बढ़ाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि कैंसर की दवा 12 प्रतिशत के दायरे से हटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। दिव्यांगों के लिए बनी गाड़ियों को अब सिर्फ 5 प्रतिशत कर देना होगा। बायो डीजल में घटोत्तरी करते हुए 12 से 5 प्रतिशत पर लाया गया है।
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निर्मला सीतारमण ने कहा, “पेट्रोल डीजल पर सिर्फ ये हुआ कि कोर्ट के सुझाव पर हमने इस बात को बैठक में रखा। हमने सबसे पूछा कि क्या पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। इस पर ज्यादातर सदस्यों ने कहा नहीं. हम ये बात कोर्ट को जाकर बताएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “स्विगी-जोमैटो जैसे खाना पहुंचाने वाली सेवाओं के लिए अब ऑर्डर्स के हिसाब से कर वसूली होगी। पुराने टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बस तरीका बदलकर टैक्स लिया जाएगा। अब रेस्टोरेंट्स से टैक्स लेने की जगह जो सेवा प्रदाता है, वो टैक्स देने का काम करेगा।”
इसके अलावा, सरकार ने गाड़ियों और रेलगाड़ियों के कुछ पुर्जों पर लगने वाले 12 फीसदी जीएसटी को बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। हालांकि, आईसीडीएस (समेकित बाल विकास योजना) के लिए जो फोर्टिफाइट चावल खरीदा जाता है उस पर लगने वाले जीएसटी को 18 पीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है।
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