सनसनीखेज खुलासा: पेगासस को 2 अरब डॉलर रक्षा सौदा के तहत खरीदा गया

सनसनीखेज खुलासा: पेगासस को 2 अरब डॉलर रक्षा सौदा के तहत खरीदा गया

पेगासस को लेकर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने सनसनीखेज खुलासा किया है। अखबार ने शुक्रवार को पब्लिश अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत ने इसराइली स्पाईवेयर पेगासस को दो अरब डॉलर रक्षा सौदा के तहत खरीदा था।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जुलाई 2017 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल यात्रा पर गए थे तब 2 अरब डॉलर में भारत ने इजरायल के साथ एक भारी भरकम रक्षा सौदा किया था। इस डील में मिसाइल सिस्टम के अलावा इजरायली कंपनी NSO द्वारा बनाया गया पेगासस स्पाईवेयर मुख्य आइटम थे।

‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ‘द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में लिखा है इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप लगभग एक दशक से इस दावे के साथ ‘अपने जासूसी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर में कानून-प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेच रही थी कि यह जैसा काम कर सकता है, वैसा कोई और नहीं कर सकता।

न्यूयॉर्क टाइम्स इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद देश में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जमकर हमला किया है। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या पीएमओ इन खुलासों पर कोई जवाब देगा?

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केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि पीएमओ को इस रिपोर्ट पर जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, श्रीनिवास बीवी, शक्ति सिंह गोहिल, कार्ति चिदंबरम ने इसको लेकर ट्वीट किया है। जिसमें कहा गया है कि इस रिपोर्ट से साबित हो गया है कि सरकार ने करदताओं के पैसे से 300 करोड़ रुपये में पत्रकारों और नेताओं की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाईवेयर खरीदा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेगासस डील को लेकर मोदी सरकार को एकबार फिर घेरा है। राहुल ने मोदी सरकार पर तगड़ा हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। उन्होंने ट्वीट किया है, “मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है, ये देशद्रोह है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है।”

यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया है। उन्होंने लिखा है, “साबित हो गया है कि चौकीदार ही जासूस है।” उन्होंने आगे ट्वीट किया, “डिफेंस डील के रूप में भारत ने 2017 में इजरायल से पेगासस खरीदा: न्यूयॉर्क टाइम्स, इस तरह से साबित हो गया है कि चौकीदार ही जासूस है।”

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श्रीनिवास बीवी ने आगे लिखा, “जब बेरोजगार ‘नौकरियों’ के लिए दर-दर की ठोकरें और लाठियां खा रहे थे, तब भारत के प्रधानमंत्री Pegasus खरीदने और जासूसी करने में व्यस्त थे।”

वहीं, कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि क्या प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर प्रतिक्रिया देने की जहमत उठाएगा। दूसरी तरफ कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? यह स्पष्ट करना @PMOIndia का कर्तव्य है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने आज खुलासा किया कि इजरायली एनएसओ कंपनी द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पेगासस को करदाताओं के ₹300 करोड़ के भुगतान से सरकार ने खरीदा है। इसका मतलब है कि हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और संसद को गुमराह किया।”

कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पीएम मोदी ने 2017 की अपनी यात्रा के दौरान इजराइल से पेगासस खरीदा था। यह स्पष्ट है, भारत के दुश्मनों की तरह, मोदी सरकार ने भारतीय पत्रकारों, राजनीतिक नेताओं, सरकारी संस्थानों के प्रमुखों के खिलाफ युद्ध के हथियार का इस्तेमाल किया।

दूसरी तरफ, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “मोदी सरकार को आज न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे का खंडन करना चाहिए कि उसने वास्तव में इजरायली एनएसओ कंपनी द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पेगासस को करदाताओं के पैसे से 300 करोड़ का भुगतान किया था।”

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने भी पेगासस स्पाईवेयर को खरीदा था। खबरों के मुताबिक, FBI इस स्पाईवेयर को घरेलू निगरानी के लिए इस्तेमाल करना चाहती थी। रिपोर्ट के अनुसार, इसमें बताया गया है कि कैसे दुनिया भर में इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया। इसका इस्तेमाल मेक्सिको द्वारा पत्रकारों और विरोधियों को निशाना बनाना शामिल था।

सऊदी अरब द्वारा महिला अधिकारों की पक्षधर कार्यकर्ताओं के खिलाफ, सऊदी अरब के गुर्गों द्वारा हत्या कर दिये गये स्तंभकार जमाल खशोगी के खिलाफ भी इजरायली स्पाईवेयर का इस्तेमाल हुआ। रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायल के रक्षा मंत्रालय द्वारा नये सौदों के तहत पोलैंड, हंगरी और भारत समेत कई देशों को पेगासस की सेवा दी गई।


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