रात को कोर्ट में पेशी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत, सुबह भूख हड़ताल पर बैठे पप्पू यादव

रात को कोर्ट में पेशी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत, सुबह भूख हड़ताल पर बैठे पप्पू यादव

बिहार में जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने जेल में ही भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। सुपौल के वीरपुर जेल में बंद पप्पू यादव के ट्विटर आकाउंट से ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि जेल में पानी और कमोड नहीं मिलने की वजह से उन्होंने हड़ताल शुरू किया है।

पप्पू यादव ने लिखा, “वीरपुर जेल में मैं भूख हड़ताल पर हूं। न पानी है, न वाशरूम है, मेरे पांव का ऑपरेशन हुआ था, नीचे बैठ नहीं सकता, कमोड भी नहीं है। कोरोना मरीज की सेवा करना, उनकी जान बचाना, दवा माफिया, हॉस्पिटल माफिया, ऑक्सीजन माफिया, एम्बुलेंस माफिया को बेनकाब करना ही मेरा अपराध है। मेरी लड़ाई जारी है!”

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आपको बता दें कि बीते देर रात हाई वोल्टेज ड्रामा जला। जाप प्रमुख को मधेपुरा सिविल कोर्ट में पेश किया गया। जहां उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पप्पू यादव को मंगलवार सुबह पटना उनके अवास से गिरफ्तार किया गया और उसके बाद उन्हें मधेपुरा ले जाया गया। रात के लगभग 10:50 बजे 30 से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट लाया गया।

रात को ही मधेपुरा कोर्ट के कर्मचारी अपने कार्यालय पहुंचे, जहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पप्पू की पेशी हुई। पेशी के दौरान पप्पू ने कोर्ट से कहा कि वे बीमार हैं और हाल ही में उनका कई ऑपरेशन हुआ है। उन्होंने इसका हवाला देकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की मांग की। भारी संख्या में पप्पू यादव की पेशी को लेकर जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

रात को कोर्ट में पेशी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत, सुबह भूख हड़ताल पर बैठे पप्पू यादव

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फिर भी सैकड़ों समर्थक रात के अंधेरे में जगह-जगह डटे नजर आए। लेकिन न्यायिक दंडाधिकारी सुरभि श्रीवास्तव ने पूर्व सांसद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बीरपुर (सुपौल) जेल भेज दिया। और साथ में उन्होंने पप्पू यादव के बेहतर इलाज की व्यवस्था का भी आदेश दिया।

इससे पहले पप्पू यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे भाजपा के इशारे पर गहरी साजिश के तहत जेल भेजा जा रहा है, जबकि मैंने पिछले डेढ़ महीने से लोगों को बचाकर नीतीश कुमार की ही मदद की है। मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि आखिर जो मामला हाईकोर्ट में लंबित है, उस मामले में कोरोना काल मे गिरफ्तारी क्या जरूरी थी?


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