ओवैसी-राजभर मोर्चा ने UP पंचायत चुनाव के लिए खोले पत्ते, जानें क्या है असल रणनीति

ओवैसी-राजभर मोर्चा ने UP पंचायत चुनाव के लिए खोले पत्ते, जानें क्या है असल रणनीति

उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने पंचायत चुनाव के लिए अपने पत्ते खोल दिए है। खबरों के मुताबिक, ओवैसी ने अपने भागीदारी संकल्प मोर्चे के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के साथ मिलकर सीटों का बटवारा तय कर लिया है।

माना जा रहा है कि ओवैसी-राजभर के इस नए प्लान से सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ सकता है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को फायदा हो सकता है। बताया जा रहा है कि ओवैसी-राजभर मोर्चा का सीट बंटवारे का फार्मूला यह है कि जिस दल का जो नेता लंबे समय से क्षेत्र में चुनाव की तैयारी कर रहा है और जातीय समीकरण उसके पक्ष में है, उसे ही टिकट दिया जाएगा। अगर सीट आरक्षित हुआ तो उस नेता को ही यह अधिकार होगा कि वह अपनी पसंद के प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारे।

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खबरों की माने तो एआईएमआईएम पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, आगरा वगैरह जिलों के साथ ही पूर्वांचल में आजमगढ़, मऊ, सुल्तानपुर अंबेडकरनगर, गोंडा, बहराइच में तथा अन्य जिलों में अपने प्रत्याशियों को उतारेगी।

दूसरी तरफ ओम प्रकाश राजभर, बाबू सिंह कुशवाहा, कृष्णा पटेल और अन्य सहयोगी दल पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इन दलों के प्रत्याशी होंगे पर संख्या कम होगी।

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अपना पूरा जोर इन दलों ने बलिया, गाजीपुर, देवरिया, कुशीनगर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, महाराजगंज, गोरखपुर, जौनपुर, चंदौली, वाराणसी, बस्ती, बाराबंकी, कानपुर, फतेहपुर, बांदा आदि जिलों में लगा रखा है। बताया जा रहा है कि यह पूरे राज्य में 2000 से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगा।

अगर प्रत्याशियों के शुरूआती ऐलान को देखा जाए तो मोर्चे ने मुस्लिम उम्मीदवारों पर खास तौर से फोकस किया है। 23 में से 13 मुस्लिम उम्मीदवार आजमगढ़ में उतारे गए हैं। ऐसे में साफ है कि अगर यही समीकरण रहा तो बड़े पैमाने पर मोर्चा मुस्लिम उम्मीदवार उतार सकता है। जिसका सीधा नुकसान सपा और बसपा को होगा है। लेकिन अगर मुस्लिम वोट एक जगह न जाकर सपा और बसपा में बंट गए तो इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा है।


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