पटना: सत्ताधारी एनडीए की बिहार विधानसभा में स्पीकर के लिए हुए चुनाव में जीत हुई है। बिहार विधानसभा के लिए लखीसराय विधानसभा सीट से विधायक विजय कुमार सिन्हा को स्पीकर गया है। उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी अवध बिहारी को हराया। विपक्षी नेताओं के हंगामे के बीच वोटिंग प्रक्रिया पूरी हुई।
प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने स्पीकर के चुनाव के लिए पहले एनडीए के प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा के पक्ष वाले लोगों से हाथ उठाने को कहा। इसके बाद महागठबंधन यानी अवध बिहारी के पक्ष वाले विधायकों को हाथ उठाने को कहा। इसी दौरान दोनों पक्षों के विधायकों की संख्या गिन ली गई।
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हालांकि, वोटिंग के दौरान सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री मुकेश सहनी की मौजूदगी का विपक्ष ने विरोध किया। विपक्ष का कहना है कि ये नेता विधानसभा के सदस्य नहीं हैं इसलिए इन्हें सदन में रहने का कोई हक नहीं है। हालांकि, प्रोटेम स्पीकर ने विपक्ष की मांग को मानने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री सदन का नेता होता है, इसलिए उनका यहां रहना कहीं से भी गैर-कानूनी नहीं है।” प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने याद दिलाया मनमोहन सिंह राज्यसभा का सदस्य होने के नाते हमेशा लोकसभा में मौजूद रहते पर वे चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं होते थे। बिहार विधानसभा में ठीक इसी तरह राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव संसद सदस्य होने के नाते उनके साथ बिहार विधानसभा में मौजूद रहते थे।
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विपक्ष मांग करती रही की कि गुप्त मतदान कराया जाए पर प्रोटेम स्पीकर इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि गुप्त मतदान कराया जाए। इन सब के बीच विपक्षी नेता हंगामा करते रहे। वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी विधायकों ने भी जमकर ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए।
126 वोट सिन्हा के पक्ष में पड़े वहीं अवधबिहारी चौधरी के समर्थन में 114 वोट पड़े। जीतनराम मांझी ने प्रोटेम स्पीकर होने चलते वोट नहीं किया जबकि बसपा के दो विधायक गैर-हाजिर रहे।
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