किसान अभी आंदोलन स्थल छोड़कर गए भी नहीं गए हैं कि मुआवजे का मांग पर मोदी सरकार ने पलटी मारनी शुरू कर दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में सालभर तक चले किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसी किसान की मौत नहीं हुई।
इतना ही नहीं कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजे का विषय संबंधित राज्य सरकारों का है। उन्होंने कहा कि तीन नए कृषि कानून का अधिकांश किसान संगठन विरोध कर रहे थे, जिन्हें अब खत्म कर दिया गया है।
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केंद्र सरकार की ओर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने और MSP समेत किसानों की प्रमुख लंबित मांगों को स्वीकार करने की बात कही है। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को स्थगित करने का एलान किया है।

कांग्रेस नेता धीरज प्रसाद साहू और आप नेता संजय सिंह के संयुक्त प्रश्न के जवाब में नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर दिया। उन्होंने कहा, “आंदोलन में मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजे का मामला संबंधित राज्य सरकारों के पास है। किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई से किसी भी किसान की मौत नहीं हुई।”
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उल्लेखनीय है कि किसानों ने 9 दिसंबर को आंदोलन स्थगित करने का एलान किया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि हम सरकार को झुकाकर वापस जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को किसान मोर्चा की फिर बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। किसान के बॉर्डरों से 11 दिसंबर से किसान अपने घरों को लिए रवाना होंगे।
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