जम्मू और कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व नेता खुर्शीद आलम, पीर मंसूर और सैयद बशारत अहमद बुखारी सोमवार को सज्जाद गनी लोन की पार्टी पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) में शामिल हो गए। होली के अवसर पर लोन की उपस्थिति में इन सभी नेताओं ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी का दामन थामा।
तीनों नेताओं के पार्टी में आने के बाद पार्टी को भारी बढ़त मिली है। सज्जाद लोन ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि उनकी पार्टी राजनीति और सार्वजनिक जीवन में इनके अनुभव से बहुत फायदा उठाएगी।
Jammu and Kashmir: Former PDP leaders Khurshid Alam, Pir Mansoor and Syed Basharat Ahmed Bukhari join People’s Conference in the presence of party’s leader Sajjad Lone. pic.twitter.com/3GvKXJmOC5
— ANI (@ANI) March 29, 2021
उन्होंने कहा, “मैं पीसी में बशारत बुखारी साहब, मंसूर हुसैन साहब और खुर्शीद आलम साहब का तहे दिल से स्वागत करता हूं। वे अनुभवी और लोगों से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं, जो आने वाले दशकों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और जम्मू-कश्मीर की राजनीति और कल्याण में योगदान करेंगे। उनके राजनीतिक कौशल और अनुभव से पार्टी को काफी फायदा होगा। मुझे उम्मीद है कि ये नेता लोगों के लिए काम करना जारी रखेंगे।”
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दूसरी तरफ पीसी में शामिल होने के मौके पर तीनों नेताओं ने कहा कि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन के विचार, ईमानदारी, पार्टी की सेवा और बलिदान ने ही उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। सभी शामिल नेताओं ने पीसी के संस्थापक मिशन और उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और लोगों के कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लिया।
उल्लेखनीय है कि पीपुल्स डेमोकेट्रिक पार्टी के पूर्व संरक्षक और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मुजफ्फर बेग इससे पहले पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। खुर्शीद आलम कुछ दिन पहले ही पीडीपी से अलग हो गए थे।

दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार ने उन्हें पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया गया है। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद मुफ्ती को एक साल से अधिक समय तक नजरबंद रखा गया था। अभी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जांच चल रही है। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में रिहा किया गया था।
महबूबा मुफ्ती ने आज ट्वीट कर कहा, “पासपोर्ट कार्यालय ने सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर मेरे पासपोर्ट को ‘भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताते हुए जारी करने से इनकार कर दिया है। यह कश्मीर में सामान्य स्थिति का स्तर है जो अगस्त 2019 से हासिल हुई है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री को पासपोर्ट देना देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।”
Passport Office refused to issue my passport based on CID’s report citing it as ‘detrimental to the security of India. This is the level of normalcy achieved in Kashmir since Aug 2019 that an ex Chief Minister holding a passport is a threat to the sovereignty of a mighty nation. pic.twitter.com/3Z2CfDgmJy
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 29, 2021
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महबूबा मुफ्ती को संबोधित एक पत्र में पासपोर्ट अधिकारी ने सूचित किया है कि जम्मू-कश्मीर सीआईडी, जो कि सत्यापन के लिए नोडल एजेंसी है, ने उन्हें पासपोर्ट देने का विरोध किया है। हालांकि, पासपोर्ट ऑफिस के तरफ से कहा कि कि अगर वह इसके खिलाफ विदेश मंत्रालय में उपयुक्त प्राधिकारी के सामने अपील करना चाहें तो कर सकती हैं।
पासपोर्ट अधिकारियों ने अपने पत्र में कहा है कि पिछले साल दिसंबर में उनका आवेदन पुलिस सत्यापन के लिए भेजा गया था, लेकिन एक नकारात्मक रिपोर्ट मिली थी जिसके चलते उन्हें पासपोर्ट इश्यू नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
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