जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी प्रकरण के बहाने एक बार फिर से पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि बालाकोट पर हमला चुनावी मकसद से किया गया एक ड्रामा था। मुफ्ती ने ये भी आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अति महत्वपूर्ण मुद्दों को ‘टीआरपी तमाशा’ बना दिया गया।
न्यूज वेबसाइट द वायर को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चाइना ने अरुणाचल प्रदेश के पास अपना गांव बसा लिया है। चाइना ने गलवान में हमारे 20-25 जवानों को शहीद किया। उन्होंने हमारे 1000 स्क्वायर फीट जमीन कब्जा लिया है। लेकिन हमारी सरकार खामोश है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं समझती हूं कि अगर देश में इलेक्शन होता तो हो सकता है कि बालाकोट जैसा कोई ड्रामा होता। उन्होंने कहा कि बालाकोट में इलेक्शन जीतने के लिए ड्रामा किया गया। उन्होंने कहा कि ये सब कुछ खुद को दबंग दिखाने के लिए किया गया था ताकि संदेश दे सकें कि हम किसी के घर में घुसकर मार सकते हैं।
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Balakot strikes was a well-orchestrated drama to benefit BJP in the elections.
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) January 19, 2021
BJP plays nationalism card in elections but has compromised our national security by leaking the secrets to Arnab.
Watch my exclusive intw with Mehbooba Mufti @MehboobaMufti https://t.co/3rXYsZ04qA pic.twitter.com/yBI14d157M
उन्होंने सवाल उठाया कि जब आप इतने दबंग है तो चीन के खिलाफ आप बालाकोट जैसी कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं। चीन ने हमारे इतने लोगों को लिंच करके मार दिए। वो हमारे अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में आ रहे हैं और हमारी सरकार कुछ नहीं कर रही है। बल्कि जो लोग सवाल करते हैं उन्हें देशद्रोही और एंटी-नेशनल कह कर चुप कराती है।
महबूबा मुफ्ती के अर्नब प्रकरण के हवाले से मीडिया पर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मीडिया अपना काम नहीं कर रही है। वह नेशनल और एंटी-नेशनल की नैरेटिव गढ़ रही है। उन्होंने ये भी कहा कि किसानों तक को भी नहीं बकसा जा रहा है और उन्हें खालिस्तानी बताया जा रहा है, और मीडिया इस बात को आगे बढ़ा रही है।
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उल्लेखनीय है कि महबूबा ने इससे पहले 18 जनवरी को ट्वीट किया था, “साल 2019 में जिस किसी ने भी बालकोट स्ट्राइक के समय पर सवाल उठाए, उसी की निंदा की गई और उसे राष्ट्र विरोधी करार दे दिया गया। लेकिन अब यह साफ हो गया है जो हम कहते थे, वही सही था।”
Whosoever questioned the timing of the Balakot strikes in 2019 was criticised & dubbed as anti national. Today we stand vindicated that it was done to benefit a particular party in the elections & not to avenge the martyrs of Pulwama attack.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 18, 2021
उन्होंने आगे लिखा था, “यह एक राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया था। पुलवामा के शहीदों का बदला लेने के लिए नहीं किया गया था। अगर ऐसा न होता तो जब लद्दाख में गलवन घाटी में हमारे बीस सैनिक शहीद हो गए थे तो चीन के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई होती। कौन जानता है कि अगर उस समय भी चुनाव नजदीक होते तो सरकार की क्या कर्रवाई होती।”
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सरकार पर तंज कसते हुए महबूबा ने लिखा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को सिर्फ टीआरपी तमाशा बनाकर रख दिया गया है ताकि भाजपा को लाभ मिले और गलत तस्वीर पेश की जाए। लोगों को फर्जी खबरों पर विश्वास करने का महौल बना दिया जाता है। देश के भीतर और बाहर काल्पनिक दुश्मनों से नफरत की जाती है। राष्ट्र जानना चाहता है कि इसकी कीमत कौन चुकाएगा।”
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