मनमोहन सिंह ने बताए बेरोजगारी के कारण, जानें कहां हुई है मोदी सरकार से चूक

मनमोहन सिंह ने बताए बेरोजगारी के कारण, जानें कहां हुई है मोदी सरकार से चूक

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने मंगलवार को एक विकास सम्मेलन का उद्घाटन किया जिसमें उन्होंने देश में बढ़ रहे बेरोजगारी का कारण बताए। केंद्र पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि 2016 में भाजपा नीत सरकार द्वारा ‘बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले’ के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर पहुंची है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है। इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री ने राज्यों से नियमित रूप से परामर्श नहीं करने को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की।

उन्होंने आर्थिक विषयों के ‘थिंक टैंक’ राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज का डिजिटल माध्यम से आयोजित एक विकास सम्मेलन का उद्घाटन किया। जिसमें उन्होंने कहा कि बढ़ते वित्तीय संकट को छिपाने के लिए भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से किए गए अस्थाई उपाय के चलते आसन्न कर्ज संकट से छोटे और मंझोले (उद्योग) क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने ये कहा कि इस स्थिति की हम अनदेखी नहीं कर सकते हैं।

चरम पर बेरोजगारी

मनमोहन सिंह ने ‘प्रतीक्षा 2030’ में कहा, “बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है। यह संकट 2016 में बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले के चलते पैदा हुआ है।” एक दृष्टि पत्र पेश करने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया, जो केरल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विकास पर विचारों का एक प्रारूप है।

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पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल और कई अन्य राज्यों में लोक वित्त अव्यवस्थित है, जिसके चलते राज्यों को अत्यधिक मात्रा में कर्ज लेना पड़ा है और इससे भविष्य के बजट पर असहनीय बोझ बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीतिक दर्शन का आधार स्तंभ है, जो संविधान में निहित है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है।”

मनमोहन सिंह आगे कहा, “हालांकि, केरल के सामाजिक मानदंड उच्च हैं, लेकिन ऐसे अन्य क्षेत्र भी हैं जिन पर भविष्य में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “आगे कई अड़चनें हैं, जिन्हें राज्य को पार करना होगा। पिछले दो-तीन साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती (कोविड-19) महामारी के चलते और बढ़ गई है, जिसका केरल पर भी प्रभाव पड़ा है।”

पर्यटन क्षेत्र पर प्रभाव

मनमोहन सिंह ने कहा, “डिजिटल माध्यमों के उपयोग बढ़ने से आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र अपनी रफ्तार कायम रख सकता है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और केरल में महामारी ने इस क्षेत्र(पर्यटन) को काफी प्रभावित किया है।” इस बात का जिक्र भी उन्होंने किया कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर जोर देने से केरल को देश में कहीं भी और विश्व के सभी हिस्सों में रोजगार के अवसरों का लाभ मिलेगा।

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उन्होंने इसके बाद कहा, “देश में विदेशी मुद्रा (प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली) के प्रवाह में वृद्धि हुई है, जिसके चलते रियल स्टेट क्षेत्र में उछाल आया और सेवा क्षेत्र में तीव्र वृद्धि हुई।” इतना ही नहीं उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र में ‘न्याय’ जैसे विचार को शामिल करने को लेकर कांग्रेस नीत यूडीएफ के फैसले की सराहना की।

चुनावी घोषणापत्र में योजना

उन्होंने कहा, “2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में यह योजना पेश की गई थी, जिसका उद्देश्य गरीबों को प्रत्यक्ष नकद अंतरण (सीधे उनके बैंक खाते में पैसे) उपलब्ध कराना है।” मनमोहन सिंह ने कहा कि अधिक चिकित्सा संस्थानों के जरिए नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं जैसे उपाय सामाजिक क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और इसमें वंचित तबकों की जरूरतों पर ध्यान दिया जा सकेगा।

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पूर्व वृत्तमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने कहा, “यह कांग्रेस की विचारधारा का सार तत्व है और यह खुशी की बात है कि यूडीएफ के सभी दलों के इस पर समान विचार हैं।” उन्होंने कहा, “गरीबों की मदद करने के लिए इस तरह की योजनाएं अर्थव्यवस्था को भी एक झटके में चालू कर देगीं। क्योंकि इनसे मांग पैदा होगी, जिससे अधिक उत्पादन होगा, खासतौर पर छोटे एवं सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र में, कृषि क्षेत्र में और असंगठित क्षेत्र में…इसके परिणामस्वरूप रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे और राष्ट्रीय स्तर पर लंबी आर्थिक सुस्ती के बाद अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटने लगेगी।”

मनमोहन सिंह ने आगे कहा, “निराशा की भावना के बीच, मैं योजनाबद्ध विकास के प्रति यूडीएफ के सही दिशा में आगे बढ़ने और आम आदमी के लिए इसे उम्मीद की किरण के रूप में स्पष्ट रूप से देख रहा हूं। उन्होंने कहा, “मैंने 1991 में वित्त मंत्री के तौर पर राष्ट्रीय बजट पेश करते हुए विक्टर हुगो को उद्धृत करते हुए कहा था कि ‘एक विचार से ज्यादा ताकतवर कोई चीज नहीं है…।’ मुझे यह अभास हो रहा है कि यूडीएफ ने जो आगे की स्पष्ट राह दिखाई है, वह केरल को सही दिशा में ले जाएगी।”

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